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भारत 2027 में कच्चे तेल की मांग में वृद्धि का सबसे बड़ा केंद्र होगा, चीन को पीछे छोड़ेगा: आईईए

By: Sanjay Purohit | Created At: 10 February 2024 09:51 AM


भारत 2027 में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की मांग में वृद्धि के केंद्र के रूप में चीन से आगे निकल जाएगा।

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भारत 2027 में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की मांग में वृद्धि के केंद्र के रूप में चीन से आगे निकल जाएगा। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने यह अनुमान लगाते हुए कहा है कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में परिवहन तथा उद्योग की खपत स्वच्छ ऊर्जा और विद्युतीकरण पर बड़े जोर के बावजूद इस वृद्धि को गति देगी।

IEA का अनुमान

पेरिस स्थित एजेंसी ने बुधवार को यहां भारत ऊर्जा सप्ताह में जारी एक 2030 तक भारतीय तेल बाजार परिदृश्य पर एक विशेष रिपोर्ट में कहा कि देश की कच्चे तेल कर मांग 2023 में 54.8 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) से बढ़कर 2030 में 66.4 लाख बीपीडी हो जाएगी। चीन वर्तमान में तेल की मांग का सबसे बड़ा चालक है और भारत इस सूची में नंबर दो पर है। रिपोर्ट में आईईए द्वारा दिए गए आंकड़े घरेलू और निर्यात के लिए कच्चे तेल को ईंधन में बदलने से संबंधित हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू खपत करीब 50 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) है।

कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता

भारत वर्तमान में अमेरिका और चीन के बाद कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। वह अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात करता है और घरेलू उत्पादन में गिरावट के कारण यह निर्भरता बढ़ने की संभावना है। आईईए ने कहा, ‘‘भारत अब और 2030 के बीच वैश्विक तेल मांग में वृद्धि का सबसे बड़ा स्रोत बन जाएगा, जबकि विकसित अर्थव्यवस्थाओं तथा चीन में शुरू में वृद्धि धीमी और बाद में इसके उलट रहने का अनुमान है।'' रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘भारत करीब 12 लाख बीपीडी की वृद्धि दर्ज करने की राह पर है, इसके 2030 तक 66 लाख बीपीडी तक पहुंचने का अनुमान है।''