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Salman khan Firing Case: राजस्थान का रफीक 6 साल पहले लॉरेंस गैंग से जुड़ा, गैंगस्टर बिश्नोई ने मंगवाए थे रैकी के वीडियो

By: payal trivedi | Created At: 10 May 2024 07:24 AM


सलमान खान के घर पर फायरिंग के मामले में पकड़ा गया नागौर का मोहम्मद रफीक चौधरी विदेश में बैठे गैंगस्टर रोहित गोदारा से संपर्क में था।

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Mumbai: सलमान खान के घर पर फायरिंग के मामले (Salman khan Firing Case) में पकड़ा गया नागौर का मोहम्मद रफीक चौधरी विदेश में बैठे गैंगस्टर रोहित गोदारा से संपर्क में था। उसे शूटर्स की मदद करने का टास्क मिला था। उसके फोन में कुछ फोटो व वीडियो भी मिले हैं। रफीक ने सलमान खान के अलावा 2 और बॉलीवुड एक्टर्स के बंगलों के भी वीडियो बनाए थे। जिन्हें लॉरेंस के भाई अनमोल को भेजा था। मुंबई में चाय का रेस्टोरेंट चलाने वाला रफीक लॉरेंस गैंग से 6 साल पहले जुड़ा था। तब उसने फर्जी पासपोर्ट मामले में पकड़े गए लॉरेंस गैंग के गुर्गे हरि हरपाल को जमानत दिलाने में मदद की थी। यहीं से उसकी रोहित गोदारा से भी नजदीकियां बढ़ी थीं।

चाय की होटल पर रफीक से मिले थे दोनों शूटर्स

रफी के तीन भाई भी मुंबई में ही दूध का बिजनेस करते हैं। वो खुद कुर्ला में चाय के रेस्टोरेंट का मालिक है। रफीक के वकील अमित मिश्रा ने बताया कि उनके होटल पर नागौर से रोजाना लोग आते हैं और वो उन लोगों की मदद भी करते हैं। इस केस में भी यहीं हुआ था। इस केस में पकड़े गए दोनों शूटर्स विक्की और सागर चाय की होटल पर रफीक से मिले थे। दोनों शूटर्स ने खुद के नागौर से मुंबई आने की बात कही थी। वकील ने दावा किया कि सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामले में रफीक का कोई स्पेसिफिक रोल नहीं है। जब उसे इस घटना का पता चला तो वो डर कर राजस्थान चला गया था और अब जब वो वापस मुंबई आ रहा था तो उसे पुलिस ने पकड़ लिया।

मुंबई पुलिस ने पांचवे औरोपी को भी किया गिरफ्तार

दरअसल मुंबई पुलिस ने सलमान खान फायरिंग केस में पांचवें आरोपी के रूप में मोहम्मद रफीक चौधरी पुत्र मोहम्मद सरदार चौधरी को 7 मई को गिरफ्तार किया। आरोप है कि रफीक ने ही सलमान के घर का वीडियो बनाकर लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई को दिया था और सलमान खान के घर की रेकी करने में शूटरों की मदद की थी।

रेकी का वीडियो बनाकर अनमोल बिश्नोई को भेजा

पूछताछ में रफीक ने बताया कि सलमान खान (Salman khan Firing Case) के घर फायरिंग से पहले 8 और 11 अप्रैल को कुर्ला में दोनों शूटर से मुलाकात की थी। इसके बाद ही उसने सलमान खान के घर की रेकी कर वहां का वीडियो बनाया और अनमोल बिश्नोई को भेजा था। साथ ही इनके लिए पैसा भी जुटाया था। पूछताछ में सामने आया कि शूटर्स को ठहराने और फायरिंग के दौरान काम में ली गई बाइक भी रफीक ने ही दिलाई थी। मुंबई पुलिस की अब तक की इन्वेस्टिगेशन में इसी का रोल इस फायरिंग केस में बतौर मास्टरमाइंड सामने आया है।

दो अन्य एक्टर्स के घर की भी रैकी कर रहे थे आरोपी

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूछताछ में ये भी सामने आया है कि रफीक चौधरी ने न सिर्फ सलमान खान बल्कि दो अन्य एक्टर्स के घर के बाहर की भी रैकी की थी। उसने 8 से 12 अप्रैल के बीच उन एक्टर्स के बंगलों के बाहर के वीडियो बनाकर लॉरेंस के भाई अनमोल विश्नोई को भेजे थे। भेजने के बाद रफीक ने उन वीडियो को अपने मोबाइल से डिलीट कर दिया था। फिलहाल पुलिस रफीक के मोबाइल से इन वीडियो को रिकवर करने का प्रयास कर रही है। उस के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि कौनसे दो और एक्टर लॉरेंस गैंग के टारगेट पर है?

शूटर्स के पास पहले से नहीं थी टारगेट डिटेल

पुलिस सूत्रों से पता चला है कि रफीक चौधरी ने ही मार्च महीने के आखिर में दोनों शूटर्स के लिए पनवेल इलाके में घर भाड़े पर लिया था। पुलिस सोर्सेज की मानें तो इन दोनों शूटर्स को इनके टारगेट की डिटेल पहले से नहीं थी। फायरिंग से ऐन पहले ही उन्हें टारगेट बताया गया था। अनमोल ने उन्हें बस अटैक करने और इसके बदले में बढ़िया रुपए देने की बात कही थी। ये भी पता चला है कि 5-7 बार में दोनों शूटर्स को अलग-अलग बैंक अकाउंट व कैश मिलाकर 5 लाख रुपए दिए गए थे। इनमे से 3 लाख रुपए रफीक चौधरी द्वारा मुहैया कराने की बात सामने आ रही है।

6 साल पहले लॉरेंस गैंग से जुड़ा

पुलिस इन्वेस्टिगेशन में रफीक चौधरी ने बताया कि करीब 6 साल पहले लॉरेंस गैंग के कनेक्शन में आया था। तब लॉरेंस गैंग के खास गुर्गे हरि हरपाल सिंह का उसकी चाय की होटल पर आना जाना था। इसके चलते दोनों में बढ़िया जान-पहचान और दोस्ती हो गई थी। इसके बाद हरि हरपाल सिंह जर्मनी चला गया था। वहां हरि हरपाल सिंह को जर्मन पुलिस ने फेक पासपोर्ट के चलते गिरफ्तार कर लिया था और वापस इंडिया डिपोर्ट कर दिया।

हरि हरपाल सिंह को इंडिया आते ही पुलिस ने किया गिरफ्तार

इसके बाद हरि हरपाल सिंह को वापस इंडिया (Salman khan Firing Case) आते ही गिरफ्तार कर लिया गया था। जब उसे पता चला कि हरि हरपाल सिंह को फेक पासपोर्ट मामले में गिरफ्तार किया गया है तो उसने उसकी जमानत करवाने के प्रयास किए थे। इसी दौरान उसकी पहली बार रोहित गोदारा से मुलाकात हुई थी। ये सनसनीखेज खुलासा खुद मोहम्मद रफीक चौधरी ने मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने किया है। रफीक के वकील मिश्रा ने स्वीकार किया है कि रफीक की रोहित गोदारा से पहले से जान-पहचान थी। जर्मनी में फेक पासपोर्ट मामले में पकड़े गए हरि हरपाल सिंह को छुड़वाने को लेकर उसकी रोहित गोदारा से 5 साल पहले कोई जान-पहचान हुई थी। लेकिन फायरिंग मामले में उसका कोई कनेक्शन नहीं है।

इनपुट मिलते ही क्राइम ब्रांच की टीम राजस्थान आई

नागौर सदर एसएचओ अजय कुमार मीणा ने बताया- सलमान खान के घर फायरिंग के बाद रफीक को शक हो गया था कि वह मुंबई पुलिस की रडार पर आ सकता है। इसलिए वह 16 अप्रैल को मुंबई से नागौर अपने गांव बासनी आ गया था। इसी दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच को रफीक का इनपुट मिला। 5 मई को क्राइम ब्रांच की टीम नागौर आ गई।