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भाजपा में शामिल होंगे Ravindra Singh Bhati? भाजपा नेता देवी सिंह से मुलाकात पर भाटी ने तोड़ी चुप्पी

By: payal trivedi | Created At: 12 May 2024 04:46 AM


बीजेपी नेता देवी सिंह भाटी से मुलाकात पर रविंद्र भाटी ने कहा कि देवी सिंह भाटी मेरे परिवार के सदस्य हैं। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से मैंने उनसे मुलाकात की।

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Jaipur: बीजेपी नेता देवी सिंह भाटी से मुलाकात पर रविंद्र भाटी (Ravindra Singh Bhati) ने कहा कि देवी सिंह भाटी मेरे परिवार के सदस्य हैं। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से मैंने उनसे मुलाकात की। इसमें कोई राजनीति नहीं है। रविंद्र सिंह भाटी ने जोधपुर के ग्रामीण इलाकों में शोकसभा में शामिल हुए। जोधपुर शहर के विभिन्न निजी चिकित्सालय और एम्स में भर्ती लोकसभा क्षेत्र के लोगों से मिलकर हाल-चाल जाना।

रविंद्र भाटी बोले-राजनीति में परिवार को समय कम दे पाते हैं

मीडिया से बातचीत करते हुए रविंद्र सिंह भाटी ने कहा, "4 जून को चुनाव जीतने के बाद मेरी लोकसभा क्षेत्र की जनता तय करेगी। मुझे किसी पार्टी को समर्थन देना है यह नहीं। रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि मैं आज जिस जगह खड़ा हूं, इसमें जोधपुर की जनता का सहयोग है। मेरे इलाके के बीमार लोगों से मिलने और उनकी सेवा करना मेरा धर्म है। विश्वविद्यालय के छात्रों से मेरा जुड़ाव रहता है। राजनीति में परिवार को समय कम दे पाते हैं। परिवार के साथ और सहयोग हमेशा मेरे साथ रहता है।

रविंद्र भाटी ने जीत का किया दावा

रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जीत को लेकर 100% आश्वस्त हूं। बाड़मेर-जैसलमेर और बालोतरा की जनता ने अपने बेटे पर विश्वास जताया है। भाजपा के 400 पार पर कहा है की वो अपना नारा दे पर बाड़मेर जैसलमेर से एक निर्दलीय बेटा जीतेगा। रविंद्र सिंह भाटी और देवी सिंह भाटी की मुलाकात का वीडियो वायरल हो रही है। रविंद्र सिंह भाटी के साथ केवल देवी सिंह भाटी ही नहीं, बल्कि बीजेपी के किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष हाथी सिंह मूलाना सहित अन्य बीजेपी नेताओं से मुलाकात की है।

कौन हैं देवी सिंह भाटी

देवी सिंह भाटी बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं। उनके वर्चस्व के बारे में इस बात से पता चलता है। वह बीकानेर की कोलायत विधानसभा सीट से 7 बार विधायक रह चुके हैं। वह भैरों सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। वह 1980 से 2008 तक लगातार 7 बार विधायक रहे। वह 1980 से 1990 तक जनता पार्टी से विधायक बने। 1993 और 1998 में बीजेपी से विधायक थे। इसके बाद 2003 में वह राजस्थान सामाजिक न्याय मंच की टिकट पर विधायक बने। साल 2008 में वह एक बार फिर बीजेपी से जीत दर्ज की थी। हालांकि साल 2013 में कांग्रेस के भवर सिंह भाटी से हार का सामना करना पड़ा।