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क्या है 'मुख्‍यमंत्री सीखो कमाओ योजना' ? जानें इसकी डिटेल्स

By: Richa Gupta | Created At: 22 August 2023 11:19 AM


मध्‍य प्रदेश में बेराजगारी दर कम करने के लिए शिवराज सरकार लगातार प्रयासरत है। सरकारी नौकरी के साथ ही अब सरकार युवाओं को प्राइवेट क्षेत्र में भी रोजगार करने के लिए प्रोत्‍साहित कर रही है।

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मध्‍य प्रदेश में बेराजगारी दर कम करने के लिए शिवराज सरकार लगातार प्रयासरत है। सरकारी नौकरी के साथ ही अब सरकार युवाओं को प्राइवेट क्षेत्र में भी रोजगार करने के लिए प्रोत्‍साहित कर रही है। इसके लिए शिवराज सरकार ने 'मुख्‍यमंत्री सीखो कमाओ योजना' की शुरुआत की है। इस योजना के तहत युवाओं को अलग-अलग सेक्‍टर्स में ट्रेनिंग देकर उन्‍हे रोजगार के लिए तैयार किया जाता है। इस योजना की खास बात ये है कि सरकार इस ट्रेनिंग के दौरान युवाओं को 10 हजार रुपये तक का स्‍टाइपेंड भी देगी।

ये लोग भी रहे उपस्थित

क्या है योजना 'मुख्‍यमंत्री सीखो कमाओ योजना' के तहत युवाओं को 1 साल तक चिन्हित औद्योगिक और व्‍यवसायिक प्रतिष्ठानों में ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के दौरान इन युवाओं को सरकार की ओर से डीबीटी के द्वारा 75 प्रतिशत और कंपनी द्वारा 25 प्रतिशत स्‍टाईपेंड दिया जाता है, कंपनी चाहे तो 25 प्रतिशत से ज्यादा भी स्‍टाइपेंड दे सकती है। इस योजना के चुने हुए युवाओं को 'छात्र-प्रशिक्षणार्थी' कहा जाएगा।

'मुख्‍यमंत्री सीखो कमाओ योजना' के योजना में करान होगा इन शर्तो के पालन

आवेदक की आयु 18 से 29 वर्ष तक हो। आवेदक मध्य प्रदेश का मूल निवासी हों। आवेदक न्‍यूनतम 12वीं अथवा आईटीआई पास हो।

'मुख्‍यमंत्री सीखो कमाओ योजना' में स्‍टाईपेंड

12वीं पास युवाओं को 8 हजार रुपये। ITI पास युवाओं को 8 हजार 500 रुपये तक दिया जाएगा।

योजना का शुभारंभ करेंगे

बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज भोपाल में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना का शुभारंभ करेंगे। प्रशिक्षण के लिए कंपनियों द्वारा चयनित प्रत्येक जिले के अभ्यर्थी एकत्र होंगे, मुख्यमंत्री उन्हें अनुबंध पत्र वितरित करेंगे। योजना के अंतर्गत युवाओं को आन द जाब ट्रेनिंग के साथ 8 हजार से 10 हजार रुपये स्टाइपेंड दिया जाना है। शासकीय महात्मा गांधी विद्यालय, भेल, भोपाल तक चयनित युवाओं को लाने के लिए 3 विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है। तकनीकी शिक्षा, कौशल एवं रोजगार विभाग को चार हजार 750 अभ्यर्थी, उच्च शिक्षा विभाग को पांच हजार, जनजातीय कार्य विभाग को छात्रावासों से चार सौ अभ्यर्थियों को लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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