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अब चाय पर चर्चा नहीं, भाजपा का कैंपन है 'कॉफी विद यूथ'

By: Sanjay Purohit | Created At: 30 March 2024 11:10 AM


लोकसभा चुनाव 2014 से 2024 तक के सफर में भाजपा के चुनाव प्रचार में भी काफी बदलाव आया है। भाजपा ने शहरों में जहां चाय पर चर्चा की जगह अब "कॉफी विद यूथ" के तहत युवाओं से संवाद करना शुरू किया है।

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लोकसभा चुनाव 2014 से 2024 तक के सफर में भाजपा के चुनाव प्रचार में भी काफी बदलाव आया है। भाजपा ने शहरों में जहां चाय पर चर्चा की जगह अब "कॉफी विद यूथ" के तहत युवाओं से संवाद करना शुरू किया है, वहीं ग्रामीण इलाकों में 'नमो चौपाल' और मतदान केंद्रों पर 'नमो संवाद' कार्यक्रम भी जारी रखे हैं। कॉफी विद यूथ' के तहत भाजपा पहली बार वोट करने वाले युवाओं से संवाद से करेगी और उन्हें पार्टी के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण के बारे में जानकारी देगी।

पी.एम. मोदी की तस्वीर वाले होंगे कॉफी मग

भाजपा के इस प्लान का फोकस शहरी क्षेत्रों पर होगा। इसके तहत पहली बार मतदान करने वाले युवाओं को शहरों के कैफे या बागीचों जैसी आरामदायक स्थानों पर आमंत्रित करेगी जहां पर वे खुलकर अपने विचार व्यक्त कर सकें। इन कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले मग होंगे। महाराष्ट्र में भाजपा के नेता विक्रांत पाटिल ने मतदाताओं के साथ अधिक व्यक्तिगत बातचीत के लिए ऐसी कई बैठकें आयोजित करने की पार्टी की मंशा व्यक्त की है। इससे पहले भाजपा ने मतदाताओं तक पहुंचने के लिए 'चाय पे चर्चा' कांसेप्ट पर काम किया था।

युवा मोर्चा करेगा कार्यक्रम का आयोजन

'कॉफी विद यूथ' का आयोजन पार्टी के युवा मोर्चा द्वारा किया जाएगा। जिसमें उद्यमियों और कलाकारों जैसे विविध पृष्ठभूमि के 150-200 युवा व्यक्ति शामिल होंगे। एक निर्दिष्ट वक्ता पार्टी के दृष्टिकोण को स्पष्ट करेगा और युवाओं के प्रश्नों का समाधान करेगा।

शहरी क्षेत्रों के अलावा भाजपा 'नमो चौपाल' के बैनर तले ग्रामीण क्षेत्रों में कॉफी के बिना इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रही है। पार्टी शक्ति केंद्रों पर 'नमो संवाद' कार्यक्रम भी आयोजित करेगी, जिसमें कई मतदान केंद्रों के मतदाताओं को लक्षित किया जाएगा।