सहयोगी दलों की डिमांड से पहले ही अग्निपथ योजना में बदलाव का मूड बना चुकी थी बीजेपी
By: Sanjay Purohit | Created At: 07 June 2024 08:33 AM
2024 के चुनाव नतीजों ने बीजेपी को कई मुद्दों पर अपनी रणनीति को लेकर फिर से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। इसमें अग्निपथ योजना प्रमुख है।
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नई दिल्ली, नए गठबंधन सहयोगियों की ओर से अग्निपथ योजना के बारे में चिंता जताए जाने से पहले ही बीजेपी सरकार ने संकेत दिया था कि भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया जा सकता है। वरिष्ठ नेताओं ने माना कि शॉर्ट सर्विस सैनिकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और यहां तक कि नौकरी में आरक्षण प्रदान करने के लिए संशोधन किए जा सकते हैं। राजनीतिक विरोध के अलावा, सशस्त्र बलों के भीतर इस योजना को लागू करना आसान नहीं रहा है। विशेष रूप से अनुभवी समुदाय सैनिकों के एक अलग वर्ग के निर्माण के बारे में मुखर रहा है, जिनके पास नियमित कर्मियों को दी जाने वाली सुरक्षा और वित्तीय सुरक्षा का अभाव है।
आर्म्ड फोर्सेज में 1.5 लाख से ज्यादा जवानों की कमी
सशस्त्र बलों को वर्तमान में 1.5 लाख से अधिक जवानों की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें से अधिकांश सेना के ही हैं। यह अंतर इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि अग्निपथ योजना के कारण सैनिकों की नियमित भर्ती रोक दी गई है। प्रशिक्षण क्षमता की कमी और सालाना भर्ती लिमिट के कारण इस कमी को जल्द ही दूर करना चुनौतीपूर्ण है। हालांकि, सैनिकों की कमी के लिए आधिकारिक कारण कोविड-19 महामारी के दौरान भर्ती में कमी बताया गया।