दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर ईडी की कार्रवाई के बाद देशभर में हड़कंप मचा हुआ है। इसी बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव के घर ED ने दबिश दी है। पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के रातीबड़ स्थित घर पर ईडी की टीम पहुंची है। बताया जा रहा है कि करीब 8-9 इनोवा क्रिएस्टा गाड़ियों में ईडी के कई अफसर पूर्व मुख्य सचिव के घर पहुंचे और करीब एक घंटे तक पूछताछ की।
इकबाल सिंह बैस पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं। इकबाल सिंह बैस का नाम उज्जैन हवाई पट्टी घोटाले में आया था। उन पर विमानन विभाग के सचिव और प्रदेश के मुख्य सचिव रहते हुए कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है।
लीज़ की अवधि बढ़ाने का आरोप
सरकार ने यह हवाई पट्टी 2006 में यश एयरवेज और सेंटॉर एविएशन एकेडमी इंदौर को लीज पर दी थी। राज्य सरकार और कंपनी के बीच 7 साल के लिए अनुबंध हुआ था। लेकिन दो वर्ष बाद ही इसकी लीज अवधि को बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया। अवधि बढ़ाने का आदेश तत्कालीन विमानन सचिव इकबाल सिंह बैस ने किया। लोकायुक्त संगठन ने इस समय अवधि को बढ़ाना नियमों के खिलाफ माना है।
पार्किंग शुल्क की माफी
यश एयरवेज को नाइट पार्किंग के लिए 5 हजार 700 किलो वजनी विमानों के लिए 100 रुपए चुकाने थे। इससे ज्यादा वजनी विमानों के लिए यह चार्ज 200 रुपए था, लेकिन कंपनी ने यह रकम सरकार को नहीं दी। वर्ष 2016 में अनुबंध समाप्त हो गया और कंपनी से पार्किंग शुल्क की वसूली तय हुई। तब 10 मई 2021 को केबिनेट में प्रस्ताव लाकर पार्किंग शुल्क माफ किया गया। यह प्रस्ताव बतौर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस न रखा। लोकायुक्त संगठन ने माना है कि कोई भी प्रस्ताव समय निकल जाने के बाद तत्काल प्रभाव से लागू नहीं किया जा सकता है। कैबिनेट से यह प्रस्ताव धोखे से मंजूर करवाया गया।