छतरपुर, गेहूं खरीदी का कार्य 31 मई तक किया जाना है। इस वर्ष कम पैदावार की समस्या हो या अन्य कारण हों लेकिन किसानों की खरीदी केन्द्रों में ज्यादा रूचि नहीं दिखाई दे रही। अब तक 1809 किसानों से एक लाख 20 हजार 495 क्विंटल गेहूं की खरीदी हुई है जबकि 735 किसानों से 25584 क्विंटल सरसों की खरीदी हुई है।
सरसों खरीदी के लिए 22 केन्द्रों को निर्धारित किया गया है लेकिन सिर्फ 14 केन्द्रों में ही सरसों की खरीदी की जा रही है। शासन की ओर से सरसों का बाजार मूल्य 5650 रूपए निर्धारित किया गया है जबकि बाजार में 4800-4900 में सरसों की बिक्री हो रही है। जिले में बनाए गए गेहूं खरीदी के 80 केन्द्रों में से 37 केन्द्रों में अब तक करीब सवा लाख क्विंटल गेहूं खरीदा गया है। छतरपुर मण्डी में बनाए गए खरीदी केन्द्र के ज्ञान प्रकाश सुल्लेरे ने बताया कि किसानों के लिए टेंट की व्यवस्था की गई है, इसके अलावा पानी की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। टोकन के माध्यम से किसानों से गेहूं एवं सरसों खरीदा जा रहा है।
1.80 लाख टन का लक्ष्य
वर्ष 2024-25 के लिए समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए 1.80 लाख टन का लक्ष्य रखा गया है। वहीं खरीदी की आखिरी तारीख 31 मई 2024 तक रखी गई है। इस हिसाब से २० दिन में लक्ष्य के हिसाब से गेहूं की खरीदी करना बड़ी चुनौती बन गई है। खरीदी केंद्रों में किसानों के द्वारा उपज बेचने में रुचि न लेने का मुख्य कारण भुगतान में होने वाली देरी है। समय से भुगतान न होने से जो किसान उपज बेचने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं वह भी केंद्र में नहीं पहुंच रहे हैं। इस संबंध में जब किसानों से बातचीत की तो उनका कहना है कि समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के बाद भुगतान होने का इंतजार करना पड़ता है।
बाजार में नकद भुगतान
बाजार में समर्थन मूल्य के रेट पर अपनी उपज बेचकर नकद भुगतान प्राप्त कर रहे हैं। समर्थन मूल्य में होने वाली गेहूं की खरीदी के बाद, उसको वेयर हाउस भेजा जाता है। इसके बाद ईपीओ (इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट ऑर्डर) जनरेट की प्रक्रिया की जाती है। तब जाकर किसान के खाते में राशि पहुंचती है। इस पूरी प्रक्रिया में कर्मचारी 15 दिन का समय लगा रहे हैं। किसान को अपनी उपज बेचने के बाद इतने दिन तक राशि पाने के लिए इंतजार करना होता है। इस समस्या के चलते जिले में 35 हजार 631 किसानों के रजिस्ट्रेशन होने के बाद भी मात्र 1809 किसान ही अपनी उपज बेचने पहुंचे है। किसानों ने 29.48 करोड़ रुपए का गेहूं बेचा है। वहीं अभी किसानों को मात्र 7.83 करोड़ का भुगतान हुआ है बल्कि 21.65 करोड़ रुपए का भुगतान होना अभी शेष है।