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Rajyasabha Election: राजस्थान से राज्यसभा चुनाव लड़ेंगी सोनिया गांधी? प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष जूली ने भेजे प्रस्ताव

By: payal trivedi | Created At: 12 February 2024 10:09 AM


पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भेजा गया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अलग-अलग प्रस्ताव भेजे हैं।

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Jaipur: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा चुनाव (Rajyasabha Election) लड़ने का प्रस्ताव भेजा गया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अलग-अलग प्रस्ताव भेजे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं। उनका कार्यकाल पूरा हो रहा है। ऐसे में उनकी जगह राजस्थान से सोनिया गांधी को राज्यसभा भेजने की मांग रखी गई है।

राजस्थान की 3 राज्यसभा सीटों पर 27 फरवरी को चुनाव

सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा भेजने का प्रस्ताव तैयार करने से पहले प्रदेशाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष ने सभी वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की। विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की राय के बाद दोनों प्रस्ताव रविवार को भेजे गए हैं। राजस्थान कांग्रेस के नेताओं ने तर्क दिया है कि सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा जाने से यहां के नेताओं-कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। अभी तक सोनिया गांधी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। राजस्थान में तीन राज्यसभा सीटों पर 27 फरवरी को चुनाव है। राज्यसभा के लिए नामांकन भरने की आखिरी तारीख 15 फरवरी है। ऐसे में अब कांग्रेस एक-दो दिन में राज्यसभा उम्मीदवारों पर फैसला करेगी।

तीन में से दो सीटों पर बीजेपी, एक पर कांग्रेस की जीत तय

तीन सीटों में से दो बीजेपी और एक कांग्रेस (Rajyasabha Election) के पास है। आगे भी यही गणित रहेगा। राज्यसभा की तीन सीटों में से संख्या बल के हिसाब से दो पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस की जीत तय है। इन सीटों पर भूपेंद्र यादव, किरोड़ीलाल मीणा और मनमोहन सिंह का कार्यकाल पूरा हो रहा है।

सोनिया गांधी को राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश ने भी भेजा प्रस्ताव

सोनिया गांधी को राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी प्रस्ताव भेजा है। मध्य प्रदेश से सोनिया गांधी को राज्यसभा में भेजने का ऑफर दिया गया है। ऐसा पहली बार नहीं है। इससे पहले भी कई राज्यों ने गांधी परिवार के सदस्यों को चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है। इसके पीछे अंदरूनी सियासी कारण है। स्थानीय नेताओं को लगता है कि अगर गांधी परिवार का कोई मेंबर उनके राज्य से चुनाव लड़ता है तो उन्हें कांग्रेस में अंदरूनी समीकरण साधने में मदद मिलती है। उनका एक्सेस सीधा हो जाता है।

रायबरेली से लोकसभा सांसद है सोनिया

सोनिया गांधी रायबरेली से लोकसभा सांसद हैं। इस बार लोकसभा की जगह राज्यसभा से लड़ने की संभावना है। सोनिया गांधी को स्वास्थ्य कारणों और रायबरेली के सियासी समीकरणों में बदलाव का हवाला देकर उनके सलाहकारों ने लोकसभा की जगह राज्यसभा चुनाव लड़ने की सलाह दी है। अभी तक सोनिया गांधी ने राजस्थान सहित किसी राज्य से लड़ने के प्रस्ताव का कोई जवाब नहीं दिया है।

राज्यसभा में राजस्थान की 10 सीटें

राज्यसभा में राजस्थान की 10 सीट हैं। किरोड़ीलाल मीणा विधानसभा चुनाव लड़कर मंत्री बन चुके हैं। इसलिए उनकी सीट खाली है। अभी 6 सीटों पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। तीन पर बीजेपी के हैं। राज्यसभा चुनावों के बाद भी कांग्रेस छह सीट और बीजेपी चार सीटों पर रहेगी। फिलहाल यह आंकड़ा नहीं बदलेगा।

राजस्थान से कांग्रेस के छह राज्यसभा सांसद

पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं।

बीजेपी से राज्यसभा सांसद

भूपेंद्र यादव, घनश्याम तिवाड़ी और राजेंद्र गहलोत BJP से राज्यसभा सांसद हैं।

कौन से फॉर्मूला से तय होगी जीत-हार?

राज्यसभा के सदस्यों को विधायक चुनते हैं। चुनाव के फॉर्मूले के तहत विधायकों की कुल संख्या में राज्यसभा की रिक्त सीटों में 1 जोड़कर भाग दिया जाता है। जैसे- राजस्थान में 200 विधायक हैं और राज्यसभा (Rajyasabha Election) की 3 सीटें खाली हैं। ऐसे में 200 में 3+1(= 4) का भाग देने पर संख्या 50 आती है। इसमें एक जोड़ने पर यह 51 हो जाता है। इस तरह प्रत्येक प्रत्याशी को जीतने के लिए 51 वोट चाहिए। राजस्थान से 10 राज्यसभा सांसद चुने जाते हैं। वर्तमान में 6 सीटों पर कांग्रेस और 3 पर भाजपा के सांसद काबिज हैं। एक सीट खाली चल रही है।

वरीयता के लिए पर्याप्त विधायक

राज्यसभा चुनाव में जितने प्रत्याशी खड़े होते हैं, उनके नाम के आगे नंबर लिखे होते हैं। इसमें विधायकों को प्रायोरिटी (वरीयता) के आधार पर उस पर चिह्न लगाने होते हैं। भाजपा के पास 115 विधायक हैं। भाजपा दो प्रत्याशी घोषित करेगी। ऐसे में प्रत्येक प्रत्याशी को पर्याप्त मत देने के लिए करीब आधे विधायक पहले प्रत्याशी को प्राथमिकता देने के लिए चिह्न लगाएंगे। करीब आधे विधायक दूसरे प्रत्याशी को प्राथमिकता देने के लिए चिह्न लगाएंगे। इससे दोनों सीटें आसानी से भाजपा के खाते में आ जाएं। इसी तरह कांग्रेस के पास 70 विधायक हैं। अपनी पार्टी के प्रत्याशी को प्राथमिकता देने के लिए कांग्रेस के विधायक चिह्न लगाएंगे और एक सीट सुरक्षित कर लेंगे।

27 को ही घोषित होंगे नतीजे

नोटिफिकेशन के अनुसार, 15 फरवरी तक नामांकन दाखिल करने के अगले दिन 16 फरवरी को स्क्रूटनी होगी। इसके बाद प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो जाएगी। 27 फरवरी को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। फिर 27 फरवरी की शाम 5 बजे मतगणना होगी और परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।