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चीन का तालिबान के हक में फैसला 'सदाबहार दोस्त' पाकिस्तान के मुंह पर बड़ा तमाचा

By: Sanjay Purohit | Created At: 10 February 2024 10:06 AM


अफगानिस्तान के पूर्णकालिक राजदूत को स्वीकार करने का चीन का निर्णय बीजिंग के 'सदाबहार सहयोगी' पाकिस्तान के लिए एक बड़ा तमाचा है।

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हाल ही में अफगानिस्तान के पूर्णकालिक राजदूत को स्वीकार करने का चीन का निर्णय बीजिंग के 'सदाबहार सहयोगी' पाकिस्तान के लिए एक बड़ा तमाचा है। चीन का यह कदम ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान तालिबान शासन को आतंकवादी समूह, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को रोकने में मदद करने के लिए मनाने में विफल रहा है। TTP ने नवंबर 2022 से पाकिस्तानी लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया है। अधिक अपमानजनक तथ्य यह है कि चीन का यह कदम जनरल असीम मुनीर द्वारा तालिबान शासन को सीधी धमकी जारी करने के कुछ दिनों के भीतर आया है।

पाकिस्तान की विफलता के कारण चीन ने तालिबान शासन से हाथ मिलाने का किया फैसला

उन्होंने कहा कि एक पाकिस्तान की जान उन्हें पूरे अफगानिस्तान से ज्यादा प्यारी है। चीन के फैसले से इस्लामाबाद और रावलपिंडी में कई लोगों के चेहरे लाल हो गए। जाहिर तौर पर इस्लामाबाद को जो बात नागवार गुजरी वह यह थी कि चीन ने उन्हें विश्वास में लिए बिना इतना बड़ा फैसला ले लिया। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले महीने अफगानिस्तान के पूर्णकालिक राजदूत को स्वीकार किया था। यह कार्रवाई पाकिस्तान को नागवार गुजरी। पाकिस्तानी यह स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि काबुल के साथ कामकाजी संबंध स्थापित करने में पाकिस्तान की स्पष्ट विफलता के कारण चीन ने तालिबान शासन से हाथ मिलाने का फैसला किया है।