H

एस्ट्राजेनेका ने दुनियाभर से कोरोना वैक्सीन वापस मंगाई

By: Ramakant Shukla | Created At: 08 May 2024 04:45 AM


कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने विवाद के बीच दुनियाभर से अपनी वैक्सीन को वापस लेने की पहल की है। एस्ट्राजेनेका ने कहा कि उसने महामारी के बाद से 'उपलब्ध अद्यतन टीकों की अधिकता' के कारण दुनियाभर में अपनी कोविड-19 वैक्सीन को वापस लेने की पहल की है। वैक्सीन वापस लेने का आवेदन इस साल 5 मार्च को किया गया था और यह मंगलवार को लागू हुआ है।

bannerAds Img
कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने विवाद के बीच दुनियाभर से अपनी वैक्सीन को वापस लेने की पहल की है। एस्ट्राजेनेका ने कहा कि उसने महामारी के बाद से 'उपलब्ध अद्यतन टीकों की अधिकता' के कारण दुनियाभर में अपनी कोविड-19 वैक्सीन को वापस लेने की पहल की है। वैक्सीन वापस लेने का आवेदन इस साल 5 मार्च को किया गया था और यह मंगलवार को लागू हुआ है।

भारत में ‘कोविशील्ड’ के नाम से लगी

आपको बता दें कि यूरोप में एस्ट्राजेनेका कंपनी की कोविड वैक्सीन ‘वैक्सजेवरिया’ के नाम से दी जा रही थी। वहीं भारत में एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ के नाम से लगाई गई थी। भारत में अधिकांश लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन ही लगाई गई थी। एस्ट्राजेनेका कंपनी की ओर से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब बीते दिनों ब्रिटेन की एक अदालत में कंपनी ने स्वीकार किया था कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से खून में थक्का जमना की बहुत दुर्लभ आशंका हो सकती है। इस दावे के बाद कई वर्गों ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।

एस्ट्राजेनेका ने दी ये सफाई

एस्ट्राजेनेका ने जोर देकर कहा है कि वैक्सीन वापस लेने का निर्णय अदालती मामले या उसकी इस स्वीकारोक्ति से जुड़ा नहीं है कि इससे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) हो सकता है। इसमें कहा गया कि समय पूरी तरह संयोग है। गौरतलब है कि भारत में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का निर्माण पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की ओर से किया गया था। देश में अलग-अलग चरणों में इस वैक्सीन की 175 करोड़ से ज्यादा खुराक दी गई थी।