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चार में से हर तीसरे व्यक्ति में विटामिन डी की कमी, क्यों अब ज्यादा लोग कराने लगे हैं इसका टेस्ट?

By: Sanjay Purohit | Created At: 14 May 2024 11:21 AM


भारत में लोगों के अंदर विटामिन डी की कमी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. खराब खानपान और बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल इस विटामिन की कमी का बड़ा कारण है. अब इस विटामिन का टेस्ट कराने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है.

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पिछले साल टाटा ग्रुप का एक सर्वे सामने आया था. इसमें बताया गया था कि भारत में हर चार में से 3 लोगों में विटामिन डी कमी है. सर्वे में कहा गया था कि युवाओं में कमी ज्यादा हो रही है. खानपान की खराब आदतें, बिगड़ा लाइफस्टाइल और धूप का कम सेवन विटामिन डी के कम होने के प्रमुख कारण बताए गए थे. इससे कई तरह ही बीमारियों का खतरा भी बताया गया था. बीते कुछ सालों से यह भी देखा जा रहा है कि अब विटामिन डी की जांच भी ज्यादा लोग करा रहे हैं, लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है.

अब पहले की तुलना में अधिक लोग विटामिन डी का टेस्ट करा रहे हैं. पहले शुगर और कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट कराने वालों की संख्या ज्यादा थी. अब विटामिन के टेस्ट कराने वालों का भी आंकड़ा बढ़ रहा है. इसका एक बड़ा कारण है कि अब पहले की तुलना में अब ज्यादा लोगों में इस विटामिन की कमी हो रही है. जब मरीज विटामिन की कमी के लक्षणों के साथ डॉक्टरों के पास आते हैं तो डॉक्टर टेस्ट लिख देते हैं. ज्यादा मामले आने के कारण टेस्ट भी अधिक हो रहे हैं. बीते कुछ सालों में टेस्ट का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है.

50 फीसदी तक बढ़ी टेस्ट कराने वालों की संख्या

देश कि एक बड़ी पैथ लैब के डायरेक्टर डॉ समीर भाटी बताते हैं कि बीते तीन से चार सालों में विटामिन डी का टेस्ट कराने वालों की संख्या करीब 50 फीसदी तक बढ़ गई है. इसका कारण यह है कि लोग अब पहले की तुलना में काफी जागरूक हो गए हैं. खासतौर पर कोविड महामारी के बाद से लोग हेल्थ पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं. अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि उसके शरीर में विटामिन डी की कमी के लक्षण हैं तो वह लैब आकर खुद ही टेस्ट करा लेता है.