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क्या सुप्रीम कोर्ट के कामकाज में राजनीतिक हस्तक्षेप होता है? जस्टिस बी आर गवई ने साफ-साफ बता दिया

By: Sanjay Purohit | Created At: 01 April 2024 09:55 AM


जस्टिस बी आर गवई ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को लेकर साफ-साफ बता दिया। अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि भारत की न्यायपालिका पूरी तरह स्वतंत्र है।

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नई दिल्ली: ऐसे समय में, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अदालतों पर कुछ वकीलों के दबाव की तरफ ध्यान दिला रहे थे, उसी दौरान देश के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों में से एक, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस भूषण आर गवई ने शनिवार को कहा कि भारत का सर्वोच्च न्यायालय पूरी तरह स्वतंत्र है और किसी भी तरह के राजनीतिक हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करता।

शक्तियों का स्पष्ट बंटवारा

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के कैनेडी स्कूल में नए वकीलों और कानून के जानकारों के एक समूह को संबोधित करते हुए जस्टिस गवई ने ये बातें कहीं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी मामले में अमेरिका की निष्पक्ष कार्रवाई वाले बयान के कुछ दिन बाद दिए गए अपने बयान में जस्टिस गवई ने कहा कि भारतीय संविधान में शक्तियों का स्पष्ट बंटवारा है और यही नींव है। ये साफ तरीके से और परिभाषित है।

न्यायपालिका के काम में कोई हस्तक्षेप नहीं

न्यायपालिका की निष्पक्षता और स्वतंत्रता, न्यायिक निर्णय लेने और न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रणाली में राजनीतिक हस्तक्षेप के बारे में पूछे जाने पर जस्टिस गवई ने कहा कि भारत लोकतंत्र के तीन मापदंडों पर मजबूती से खड़ा है। कानून का शासन, न्यायपालिका की स्वतंत्रता और विधायी और सरकारी कार्यों में सेना का हस्तक्षेप नहीं। अगले साल भारत के चीफ जस्टिस बनने वाले गवई ने कहा कि देश में न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र है।