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केजरीवाल के खिलाफ ED का SC में हलफनामा, क्या चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर आएंगे दिल्ली CM? आज फैसला

By: Ramakant Shukla | Created At: 10 May 2024 05:35 AM


क्या इस लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल प्रचार कर पाएंगे? क्या चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को मिल पाएगा अपना स्टार प्रचारक? इन सभी सवालों के जवाब टिके है सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर। शुक्रवार यानी 10 मई को अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। यानी आज यह साफ हो सकता है कि अरविंद केजरीवाल इस चुनाव में जनता के बीच नजर आएंगे या नहीं.

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क्या इस लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल प्रचार कर पाएंगे? क्या चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को मिल पाएगा अपना स्टार प्रचारक? इन सभी सवालों के जवाब टिके है सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर। शुक्रवार यानी 10 मई को अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। यानी आज यह साफ हो सकता है कि अरविंद केजरीवाल इस चुनाव में जनता के बीच नजर आएंगे या नहीं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुनवाई चल रही है। केजरीवाल के वकीलों ने कोर्ट में कहा कि देश में लोकसभा चुनाव है और ऐसे में एक राष्ट्रीय पार्टी के मुखिया होने के नाते अरविंद केजरीवाल को प्रचार-प्रसार के लिए जमानत मिलनी चाहिए। हालांकि ED का कहना है कि किसी खास इंसान को इस तरह से रिहाई नहीं दी जानी चाहिए। इन दलीलों के बीच सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है। सबसे ज्यादा इंतजार और उम्मीदें AAP को है।

केजरीवाल के लिए चुनाव प्रचार का प्लान बना रही AAP

दरअसल, आम आदमी पार्टी ये मानकर चल रही है कि अरविंद केजरीवाल को जमानत जरूर मिलेगी और जेल से बाहर आते ही AAP के स्टार प्रचारक अरविंद केजरीवाल धुंआधार प्रचार में भी जुटेंगे. यही वजह है कि पार्टी ने केजरीवाल के प्रचार के लिये पूरा रोड मैप भी तैयार करना शुरू कर दिया है।

केजरीवाल की जमानत के विरोध में ED ने दायर किया हलफनामा

ईडी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर केजरीवाल की जमानत का विरोध किया। उसकी तरफ से विरोध ऐसे समय पर किया गया है, जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. जांच एजेंसी ने कहा कि चुनाव में प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है और न ही संवैधानिक अधिकार है. ऐसे कई उदाहरण हैं जहां राजनेताओं ने न्यायिक हिरासत में रहते हुए चुनाव लड़ा, और कुछ जीते भी, लेकिन उन्हें चुनाव प्रचार के लिए कभी अंतरिम जमानत नहीं दी गई। ईडी ने कहा, "किसी भी राजनीतिक नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई है, भले ही वह चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार न हो. यहां तक कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को भी अंतरिम जमानत नहीं दी जाती है यदि वह अपने स्वयं के प्रचार के लिए हिरासत में है. यह ध्यान रखना जरूरी है कि चुनाव के लिए प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है, न ही संवैधानिक अधिकार और यहां तक कि कानूनी अधिकार भी नहीं."