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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जातिगत सर्वे पर रोक लगाने से किया इनकार, कहा - होनी चाहिए ठोस वजह

By: Ramakant Shukla | Created At: 22 August 2023 08:05 AM


सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जाति सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने जाति सर्वेक्षण की अनुमति देने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर कहा कि इस प्रक्रिया पर तब तक रोक नहीं लगाई जाएगी, जब तक कि इसके खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बन जाता। शीर्ष अदालत ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को इस मुद्दे पर सात दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने की भी अनुमति दी। तुषार मेहता ने कहा था कि इ सर्वेक्षण के कुछ परिणाम हो सकते हैं और हम अपना जवाब दाखिल करना चाहेंगे।

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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जाति सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने जाति सर्वेक्षण की अनुमति देने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर कहा कि इस प्रक्रिया पर तब तक रोक नहीं लगाई जाएगी, जब तक कि इसके खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बन जाता। शीर्ष अदालत ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को इस मुद्दे पर सात दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने की भी अनुमति दी। तुषार मेहता ने कहा था कि इ सर्वेक्षण के कुछ परिणाम हो सकते हैं और हम अपना जवाब दाखिल करना चाहेंगे।

बिहार में जातिगत सर्वेक्षण

पटना हाई कोर्ट ने 1 अगस्त को बिहार सरकार को इस सर्वे की अनुमति दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ, इस फैसले को चुनौती देने वाले विभिन्न गैर सरकारी संगठनों और व्यक्तियों द्वारा दायर याचिकाओं की सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने कहा कि वह इस प्रक्रिया पर तब तक रोक नहीं लगाएगी जब तक याचिकाकर्ता इसके खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई ठोस आधार नहीं देते।

आंकड़े प्रकाशित करने पर रोक की मांग

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत से राज्य सरकार को आंकड़े प्रकाशित करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की। बता दें कि बिहार में जातिगत सर्वेक्षण का पहला चरण 21 जनवरी को ही पूरा हो चुका है। पीठ ने कहा कि आंकड़ों के संग्रह की कवायद समाप्त हो गई है, और सर्वेक्षण के दौरान एकत्र आंकड़ों के विश्लेषण का काम बाकी है। जब तक आप इसे रोकने की कोई ठोस वजह पेश नहीं करते, हम किसी चीज पर रोक नहीं लगाएंगे। सर्वे को चुनौती देने वाले एनजीओ ‘यूथ फॉर इक्वेलिटी’ की ओर से पेश हुए वैद्यनाथन ने कहा था कि ये सर्वे लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन है। मामले की आगे की सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तारीख तय की गई है।

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