सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को भोपाल से युवाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ का शुभारंभ किया। इस दौरान 14 हजार से अधिक युवाओं को ऑफर लेटर दिया गया। इस दौरान सीएम ने कहा मध्यप्रदेश ने इतिहास रचा है। हमने कल्पना की थी, हमारे जो बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी कर लेते हैं, 12वीं या आइटीआई कर लेते हैं, उनको जॉब की जरूरत होती है। शिक्षा का उद्देश्य है ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना। मैंने देखा है कि बच्चे रोजगार के लिए परेशान होते हैं। कई दिनों से बात दिमाग में थी कि रोजगार के नए तरीके कैसे खोजे जाएं। एक तरीका है शासकीय नौकरी में रोजगार। हमने अब तक 60,000 लोगों को सरकारी नौकरी दे दी है, बाकी के लिए प्रक्रिया जारी है।
बच्चों को काम सिखाएंगे, पंख देंगे
दूसरा स्वरोजगार, इसके लिए कई योजनाएं हैं। उद्यम क्रांति योजना में 1 लाख से लेकर 50 लाख तक का ऋण मिलता है। कई लोगों ने बेरोजगारी भत्ता के नारे दिए लेकिन मेरा मानना है कि चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं, पंख देती है। गाय अपने बच्चे को खड़ा करती है, शेरनी अपने बच्चों को शिकार करना सिखाती है। इसलिए बेरोजगारी भत्ता से कोई लाभ नहीं है। हमने कहा कि हम अपने बच्चों को काम सिखाएंगे, पंख देंगे। इसलिए तय किया कि हमारे बच्चे अलग-अलग कंपनियों में काम सीखने जाएंगे। एक तरफ स्किल्ड मैनपावर की कमी है और दूसरी तरफ रोजगार नहीं है, हमने दोनों को जोड़ दिया।
हम अनंत आकाश में ऊंची उड़ान भरेंगे
हम कंपनियों में बच्चों को काम सीखने के लिए भेजेंगे और उसके साथ ही स्टाईपेंड देंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना हम प्रारंभ कर रहे हैं। बाद में पर्मानेंट जॉब कर सकते हैं या अपनी खुद कि इंडस्ट्री लगा सकते हैं। ऐसे कई लोग हैं, जिनके पास पहले बहुत बड़ी दौलत नहीं थी, बाद में वो सफल हुए। हम अनंत आकाश में ऊंची उड़ान भरेंगे, हम मजबूर नहीं, मजबूत बनेंगे। मामा तैयार है, कंपनियां तैयार हैं और बच्चे भी तैयार हैं। हमने जून से रजिस्ट्रेशन शुरू किया था। 8 लाख से ज्यादा बच्चों ने पंजीकरण कराया है और यह क्रम लगातार जारी रहेगा। अब तक 16,744 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं। 70,386 पद अब तक प्रकाशित हो चुके हैं। 15,092 अनुबंध निर्मित किये जा चुके हैं। हमारी कोशिश होगी कि लाखों अनुबंध स्वीकृत हो जाएँ, इसकी कोई सीमा नहीं रहेगी। मैं तुम्हारे सपनों को मरने नहीं दूंगा, तुमको कभी निराश नहीं होने दूंगा। युवाबल के लिए रोजगार के खुलेंगे द्वार, उद्योगों को मिलेंगे कुशल कामगार, प्रदेश के विकास को मिलेगी नई रफ्तार
कई बार मैं बच्चों से पूछता हूँ कि पढ़ाई के बाद क्या करोगे, तो जवाब नहीं मिलता, ऐसी शिक्षा का क्या कामअब जिसको जितना पढ़ना है, पढ़ें, उसके बाद काम सीखने जाएं।
मॉडल आइटीआई में ट्रेनिंग दी जा रही
आपको नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी, इसके बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा, मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास और रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा प्रमाणन मिलेगा। आगे बढ़कर मैं इसका दायरा और बढ़ाऊंगा। अगर दुकान में मैनेजमैन्ट का काम कोई सीख सकता है, तो ऐसी व्यवस्था भी हम रखेंगे। 8,000 रुपये से 10,000 तक का स्टाईपेंड आपको मिलेगा। भोपाल में हम संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क बना रहे हैं, 6,000 बच्चों को हम ट्रेनिंग देंगे। मॉडल आइटीआई में ट्रेनिंग दी जा रही है।
अगर वो ठान ले, तो हर काम को पूरा कर सकता है
मध्यप्रदेश में 3,500 से अधिक स्टार्टअप्स हैं। 3 लाख बेटे-बेटियों को हम स्वरोजगार के लिए ऋण देते हैं। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना अद्भुत योजना है, यह देश में अनूठा अद्भुत प्रयोग है, जिसे सभी राज्य स्वीकार करेंगे। जो कंपनियां आगे आई हैं, उनको धन्यवाद देता हूं और बेटे-बेटियों को शुभकामना देता हूं। आप रोजगार प्राप्त करो और प्रदेश के विकास में योगदान दो। युवा वो है, जिसके सीने में आग होती है, अगर वो ठान ले, तो हर काम को पूरा कर सकता है, इसलिए अपनी शक्तियों को पहचानो। आओ अपने आंतरिक देवत्व का आह्वान करो। काम सीखो, परिवार के लिए सहारा बनो, अपने प्रदेश को आगे बढ़ाओ।
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