चुनावी मौसम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक इंटरव्यू में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। जहां उन्होंने पहली बार कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने की वजह बताई है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी में जाने की पूरी वजह बताई। इस इंटरव्यू में सिंधिया ने कहा कि जब कांग्रेस ने साल 2018 में मध्य प्रदेश में जीत हासिल की, तो उस समय वह कभी राहुल गांधी के सामने मुख्यमंत्री पद के लिए नहीं अड़े और न ही वह कभी मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल थे।
'सीएम के लिए कमलनाथ के नाम का नहीं किया विरोध'
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, "राहुल गांधी ने जब कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया तो मैंने कभी इसका विराध नहीं किया। मुख्यमंत्री के पद के लिए कमलानथ के नाम का एलान भी मैंने ही किया था।" उन्होंने कहा, "उनके कांग्रेस में रहते हुए ऐसी कोई नौबत ही नहीं आई, जिसके लिए उन्हें मनाना पड़ता। इसकी वजह ये है कि मैं कभी मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में शामिल ही नहीं था।" सिंधिया ने इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस तरह मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार चली और कमलनाथ ने उन्हें सड़को पर उतरने के लिए लगातार चैलेंज किया तो फिर उन्हें भी कड़े फैसले लेने पड़े।
कुर्सी के लिए नहीं की राजनीति
इस इंटरव्यू में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पिता और दादी का जिक्र करते हुए कहा, "मेरी आजी अम्मा विजराजे सिंधिया और मेरे पिता माधवराव सिंधिया सहित मेरे परिवार के किसी भी सदस्य ने कुर्सी के लिए कभी राजनीति नहीं की। इन सभी लोगों ने हमेशा जनसेवा की भावना के साथ राजनीति की।" साल 2019 लोकसभा में गुना शिवपुरी सीट से हार के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मेरे अंदर कोई कमी रही होगी। अगर मेरे अंदर कोई कमी है तो मैं उसमें सुधार कर सकता हूं। मैं खुद की कमी को स्वीकार करता हूं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उसके बाद उन्होंने जनता के बीच बहुत काम किया है।
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