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राजमाता सिंधिया की अंतिम विदाई में 3 राज्यों के CM समेत राजघराने के लोग होंगे शामिल, सिंधिया छत्री पर होगा अंतिम संस्कार

By: Richa Gupta | Created At: 16 May 2024 03:51 AM


राजमाता माधवी राजे सिंधिया का नई दिल्ली के AIIMS में बुधवार 15 मई को निधन हो गया था। राजमाता 75 साल की थीं। पिछले 2 महीने से बीमार होने की वजह से दिल्ली एम्स में भर्ती थीं।

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केंद्रीय उड्डयन मंत्री और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां राजमाता माधवी राजे सिंधिया का नई दिल्ली के AIIMS में बुधवार 15 मई को निधन हो गया था। राजमाता 75 साल की थीं। पिछले 2 महीने से बीमार होने की वजह से दिल्ली एम्स में भर्ती थीं। आज 16 मई को सुबह 11 बजे पार्थिव देह ग्वालियर लाई जाएगी। यहां दोपहर 3 बजे तक अंतिम दर्शन के लिए रखी जाएगी। शाम 5 बजे सिंधिया छत्री पर उनका राजसी परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा। राजमाता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए तीन राज्यों के मुख्यमंत्री समेत प्रदेश के कई मंत्री और नेता पहुंचेंगे।

नेपाल, कश्मीर राजपरिवार के सदस्य शामिल रहेंगे

राजमाता के अंतिम संस्कार में तीन राज्यों के सीएम और कई राज परिवार शामिल होंगे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अंतिम संस्कार में मौजूद होंगे। राजस्थान के CM भजनलाल शर्मा, छत्तीसगढ़ के CM विष्णु सहाय भी अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। नेपाल, कश्मीर, बड़ौदा धौलपुर राजपरिवार के सदस्य शामिल रहेंगे। शाम 5 बजे सिंधिया छतरी पर राजमाता का अंतिम संस्कार होगा। 20 हजार लोग शामिल होंगे।

पूर्व सीएम समेत कई अन्य मंत्री होंगे शामिल

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत कई अन्य मंत्री भी ग्वालियर में राजमाता के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। राजमाता के पंचतत्व में विलीन होने से पहले उनके अंतिम दर्शन के लिए काफी संख्या में लोग वहां पर पहुंचेंगे। 2 हजार से ज्यादा पुलिस के जवान और अधिकारियों की तैनाती भी की गई है।

अंतिम यात्रा रानी महल गेट से निकलेगी

राजमाता माधवी राजे की अंतिम यात्रा रानी महल गेट यानी जीवाजी क्लब के सामने महल के दरवाजे से निकाली जाएगी। यात्रा में शामिल परिवार व वीआईपी वाहनों में सवार होकर निकलेंगे। इसी दरवाजे से राजमाता विजयाराजे सिंधिया की पार्थिव देह की अंतिम यात्रा के लिए निकाला गया था। यहां से अचलेश्वर चौराहा, कटोराताल रोड होते हुए छत्री परिसर के गेट नंबर तीन से अंदर प्रवेश करेगी। इसी दरवाजे से आम लोगों की भी एंट्री दी जाएगी, लेकिन जब अंतिम यात्रा यहां पहुंचेगी, तो वहां से आम लोगों का प्रवेश कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाएगा।