दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। शनिवार (9 सितंबर) को इस समिट का पहला दिन रहा। इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ जी-20 के नई दिल्ली डिक्लेरेशन को अपनाया गया।
समस्याओं का हल निकालने पर बनी सहमती
भारत की अध्यक्षता में हुई जी-20 की बैठकों में 73 ऐसे मामले थे जो विश्व की मौजूदा समस्याओं से जुड़े थे। उनका हल निकालने पर सहमति बनी है। जिसमें फूड सिक्योरिटी और न्यूट्रिशन, ओसियन इकोनॉमी, पर्यटन, लैंड रेस्टोरेशन और एमएसएमई सेक्टर शामिल हैं। जबकि 39 ऐसे मसले थे जिन पर जरूरी दस्तावेजों के साथ सहमति बनाने पर चर्चा हुई है।
कुल 112 विषयों को किया गया एड्रेस
कुल 112 विषयों को दिल्ली जी-20 की बैठक के दौरान एड्रेस किया गया। जबकि इससे पहले 2022 इंडोनेशिया समिट के दौरान 50, इटली समिट-2021 के दौरान 65, सऊदी अरब-2020 समिट के दौरान 30 वैश्विक मसलों को एड्रेस किया गया था।
पीएम मोदी ने नई दिल्ली डिक्लेरेशन को बताया ऐतिहासिक
पीएम मोदी ने नई दिल्ली डिक्लेरेशन को ऐतिहासिक करार देते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, "जी-20 की घोषणा को इतिहास के अनुरूप बनाया गया है। आस्था और भावना से एकजुट होकर, हम बेहतर भविष्य के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करने का संकल्प लेते हैं।"
ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस का किया शुभारंभ
शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज और इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की उपस्थिति में 'ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस' का शुभारंभ भी किया।
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