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MP Board 5th-8th Result: अभी रिजल्ट के लिए करना पड़ सकता है इंतजार, परीक्षा के मूल्यांकन को लेकर आई नई परेशानी

By: Richa Gupta | Created At: 29 March 2024 07:15 AM


5वीं और 8वीं कक्षा की सालाना परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन को लेकर एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। दरअसल, पांचवी और आठवीं कक्षा के लैंग्वेज पेपर की जांच में परेशानी आ रही है।

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मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की 5वीं और 8वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं। जिसके बाद अब एक अप्रैल को परीक्षाओं के नतीजे घोषित करने का लक्ष्य माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से तय किया गया था, लेकिन अब कॉफी जांचने की प्रक्रिया में एक और परेशान सामने आई है। 5वीं और 8वीं कक्षा की सालाना परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन को लेकर एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। दरअसल, पांचवी और आठवीं कक्षा के लैंग्वेज पेपर की जांच में परेशानी आ रही है। हिंदी भाषा के शिक्षक इंग्लिश भाषा की कॉपियां नहीं जांच रहे हैं। इसके चलते 10 दिन में 35% ही मूल्यांकन पूरा हो सका है और एमपी बोर्ड की तरफ से 31 मार्च तक मूल्यांकन का काम पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है जो कि अब पूरा होते नजर नहीं आ रहा है।

65% मूल्यांकन का कार्य बचा हुआ

यह लापरवाही स्कूल शिक्षा विभाग की है। उसने जमिनी स्थिति समझे बगैर निर्णय ले लिया। अब विभाग के सामने सवाल यह है कि सिर्फ चार दिन का समय बचा है और अब भी 65% मूल्यांकन का कार्य बचा हुआ है। ऐसे में भोपाल में इंदौर से पांचवी और आठवीं की कॉपियां जांचने के लिए आई हैं। इसमें 75 प्रतिशत कॉपियां प्राइवेट स्कूल के इंग्लिश मीडियम विद्यार्थियों की हैं। राजधानी भोपाल के हमीदिया बालक हायर सेकेंडरी स्कूल नंबर दो और अरेरा कॉलोनी के हायर सेकेंडरी स्कूल में बनाए गए दो सेंटरों पर इन कॉपियों की मूल्यांकन का कार्य जारी है। यहां पांचवीं और आठवीं की कॉपियों की मूल्यांकन का कार्य 18 मार्च से शुरू किया गया था।

करीब 750 शिक्षक ही कॉपी जांच रहे हैं

इन दोनों मूल्यांकन केंद्रों पर करीब 750 शिक्षक ही कॉपी जांच रहे हैं। इनमें से 80% से ज्यादा शिक्षक सरकारी स्कूलों के हैं, जो हिंदी माध्यम के हैं। बालक हमीदिया स्कूल मूल्यांकन केंद्र पर 550 शिक्षक हैं, जिसमें 510 सरकारी और सिर्फ 40 शिक्षक प्राइवेट स्कूल के हैं।इन केंद्र पर एक लाख 56 हज़ार कॉपियां जांची जानी है। ऐसे में शिक्षकों को दूसरी भाषा के परीक्षाओं के पेपर जचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।