भूकंप के जोरदार झटकों से कांपी इंडोनेशिया के बाली की धरती, रिक्टर स्केल पर 7.0 मापी गई तीव्रता
By: Ramakant Shukla | Created At: 29 August 2023 07:36 AM
इंडोनेशिया के बाली सागर क्षेत्र में आज यानी मंगलवार को 7.0 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने जानकारी दी कि भूकंप का केंद्र इंडोनेशिया के मातरम से 201 किलोमीटर उत्तर में धरती की सतह से 518 किलोमीटर नीचे था।

इंडोनेशिया के बाली सागर क्षेत्र में आज यानी मंगलवार को 7.0 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने जानकारी दी कि भूकंप का केंद्र इंडोनेशिया के मातरम से 201 किलोमीटर उत्तर में धरती की सतह से 518 किलोमीटर नीचे था।
हालांकि, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने भूकंप की तीव्रता 7.1 आंकी है। भूकंप इंडोनेशिया के पश्चिम नुसा तेंगारा, बंगसल के पास भूकंप का केंद्र 525 किमी की गहराई पर बताया गया। हालांकि, इस बीच राहत की बात ये भी है की समुद्र की गहराई में आए भूकंप के तेज झटके से सुनामी का कोई खतरा नहीं है। इस बात की जानकारी अमेरिकी सुनामी चेतावनी सिस्टम ने दी है।
शुरूआती झटकों से हिला इंडोनेशिया
इंडोनेशियाई भूवैज्ञानिक एजेंसी के अनुसार बाली और लोम्बोक के तटीय इलाकों में सुबह 4 बजे से ठीक पहले भूकंप महसूस किए गए। अगर शुरुआती झटकों की बात की जाए तो 6.1 और 6.5 तीव्रता के दो भूकंप आए। इंडोनेशिया के बाली में मौजूद होटल प्रबंधक सुदी ने रॉयटर्स को फोन पर बताया कि बाली के मर्क्योर कुटा बाली में मेहमान कुछ सेकंड के लिए भूकंप महसूस करने के बाद अपने कमरों से बाहर भाग गए।
उन्होंने कहा, "कई मेहमानों ने अपने कमरे छोड़ दिए लेकिन फिर भी होटल क्षेत्र में मौजूद रहें। उन्होंने कहा कि वे लोग बाद में लौट आए हैं। इस भूकंप की झटके से होटल के इमारत को कोई नुकसान नहीं पहुंचा हैं। इंडोनेशियाई आपदा एजेंसी BNPB ने कहा कि नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है। BNPB के प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने कहा, "भूकंप गहरा है इसलिए यह विनाशकारी नहीं होना चाहिए।
इंडोनेशिया भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील
आपको बता दें कि इंडोनेशिया भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील इलाका माना जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 1901 से साल 2019 तक 7 से ज्यादा तीव्रता के भूकंप 150 के करीब आ चुके हैं। वहीं इंडोनेशिया में कई एक्टिव ज्वालामुखी भी है, जिसे भूकंप के बाद खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। साल 2005 में 28 मार्च को 8.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इस विनाशकारी भूकंप के झटके से 1300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। ये दुनिया का चौथा सबसे बड़ा भूकंप माना गया था।