भाजपा में लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर है। एमपी में बीजेपी ने मंत्रियों को बड़ी जिम्मेदारी दी है। मंत्रियों के लिए एक फॉर्मूला तय किया गया है। अब मंत्रियों को अपनी विधानसभा पहले से ज्यादा मतों से जिताकर देनी होगी। मंत्रियों को अपनी विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव जिताने का भी टारगेट दिया गया है। ग्राउंड लेवल पर मंत्रियों को ही लीड करना होगा। वहीं मंत्रियों को बूथ एजेंट तक सीधे संपर्क में रहने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री-विधायकों की जवाबदारी ज्यादा बढ़ जाती है
पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि चुनाव में जवाबदारी हर कार्यकर्ता की होती है लेकिन मंत्री-विधायकों की जवाबदारी ज्यादा बढ़ जाती है। मंत्री प्रमुख पद पर रहते हैं लेकिन जवाबदार कार्यकर्ता माने जाते हैं। ऐसे में उनके साथ जवाबदारी ज्यादा है। मंत्री एक प्रभावशाली पद होता है। बीजेपी में जिस स्तर का कार्यकर्ता होता है, उसकी जवाबदारी उतनी ज्यादा बढ़ती जाती है।
यह रहेगा फॉर्मूला-
2019 से ज्यादा वोट दिलाए तो पास
2019 से 10% अधिक वोट दिला दिए तो मेरिट में
2019 से कम वोट मिले तो फेल
खुद की विधानसभा में 10% वोट मतलब पास