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Instant Loan Apps: फेक लोन ऐप्स पर लगेगी लगाम! 2200 से अधिक ऐप हुए प्ले स्टोर से रिमूव, RBI कसेगी नकेल

By: payal trivedi | Created At: 31 March 2024 11:27 AM


साइबर फ्रॉड की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मार्केट में इंस्टेंट लोन देने वाले ऐप्स की भरमार है। बढ़ती साइबर धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के अपने प्रयासों के तहत RBI एक डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी (DIGITA) स्थापित करने पर विचार कर रहा है।

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Tech: साइबर फ्रॉड की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मार्केट में इंस्टेंट लोन देने वाले ऐप्स की भरमार है। बढ़ती साइबर धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के अपने प्रयासों के तहत RBI एक डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी (DIGITA) स्थापित करने पर विचार कर रहा है। इस एजेंसी का काम मिनटों में लोन प्रोवाइड कराने वाले ऐप्स पर रोक लगाना होगा।

फर्जी इंस्टेंट लोन ऐप्स पर लगाम

कहा गया है कि एजेंसी डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स के सत्यापन को सक्षम करेगी और सत्यापित ऐप्स का एक सार्वजनिक रजिस्टर बनाए रखेगी। रिपोर्ट के अनुसार जिन ऐप्स पर DIGITA के सत्यापित हस्ताक्षर नहीं होंगे, उन्हें लोगों के उपयोग के लिए परमिशन नहीं दी जाएगी। RBI की यह एजेंसी डिजिटल क्षेत्र में वित्तीय अपराधों के खिलाफ लड़ाई में एक जरूरी जांच बिंदु के रूप में काम करेगी। उन्होंने कहा कि DIGITA को एक बार डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स की जांच की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इससे वेरिफिकेशन प्रोसेस में अधिक ट्रांसपेरेंसी आएगी और इससे डिजिटल लोने देने वाले फर्जी ऐप्स पर रोक लगेगी। बता दें हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने Google के साथ व्हाइट लिस्ट में डालने के लिए आईटी मंत्रालय के साथ 442 यूनिक डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स की एक सूची साझा की है।

2200 से अधिक ऐप हुए प्ले स्टोर से रिमूव

इसके अलावा गूगल ने 2200 से अधिक डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स को ऐप स्टोर से रिमूव किया है। ये ऐप सितंबर 2022 से अगस्त 2023 के बीच रिमूव किए गए। Google ने प्ले स्टोर पर लोन ऐप्स के संबंध में अपनी पॉलिसी को अपडेट किया है और केवल उन ऐप्स को अनुमति दी गई है जो RBI की विनियमित संस्थाओं (RE) या आरई के साथ साझेदारी में काम कर रहे हैं। ऐसा Google द्वारा नीति परिवर्तन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के अनुरोध पर किया गया है।

क्या होते हैं लैंडिंग ऐप

ये ऐसे ऐप होते हैं जो बिना किसी डॉक्युमेंट के ही लोगों को डिजिटली लोन दे देते हैं। इनमें से अधिकतर ऐसे ऐप होते हैं जिन्हें RBI के द्वारा रजिस्टर नहीं किया जाता है। बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो यहां से लोन लेते हैं और बाद में उन्हें अधिक ब्याज दरों के साथ उसे चुकाना पड़ता है।