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जल संसाधन विभाग में रिटायर्ड इंजीनियर को बनाया प्रमुख अभियंता, हाईकोर्ट ने लगाई रोक, पीएस को नोटिस

By: Sanjay Purohit | Created At: 11 May 2024 07:13 AM


मध्य प्रदेश जल संसाधन विभाग में इंजीनियरों की वरिष्ठता की अनदेखी करते हुए संविदा पर रिटायर्ड इंजीनियर को प्रमुख अभियंता बनाया गया है। मामले में हाईकोर्ट ने नियुक्ति पर रोक लगाते हुए विभाग के पीएस से जवाब मांगा है।

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मध्य प्रदेश का जल संसाधन में प्रमोशन नहीं होने की वजह से सीनियर अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। हालात यह हैं कि यहां रिटायर्ड अधिकारियों को संविदा नियुक्ति पर प्रमुख अभियंता तक बनाना पड़ रहा है। इंजीनियरों की वरिष्ठता की अनदेखी करते हुए संविदा पर प्रमुख अभियंता बनाया गया है। अब यह मामला हाईकोर्ट जबलपुर पहुंच गया है। मामले में जल संसाधन विभाग मुख्य सचिव से जवाब मांगा गया है।

मप्र हाईकोर्ट जबलपुर ने सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री शिरीष मिश्रा को इंजीनियर-इन-चीफ का प्रभार देने पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने मामले में मुख्य सचिव व जल संसाधन विभाग के एडीशनल सेक्रेटरी और शिरीष मिश्रा को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।

पहले भी में इंजीनियरों की वरिष्ठता की हुई है अनदेखी

विभाग के एक इंजीनियर ने बताया कि इसके पहले विभाग में इंजीनियरों की वरिष्ठता की अनदेखी करते हुए संविदा पर प्रमुख अभियंता की संविदा नियुक्ति की जा चुकी है। विभाग में प्रमुख अभियंता के पद पर एमएस डाबर की पदस्थापना के बाद वे रिटायर हुए तो सरकार ने उन्हें संविदा पर वापस उसी पद पर पदस्थ कर दिया था। इसके बाद उनकी संविदा अवधि खत्म हुई तो अब अधीक्षण यंत्री के पद से रिटायर हुए शिशिर कुशवाहा को प्रमुख अभियंता बना दिया गया है, जबकि कई अधीक्षण यंत्री के रूप में काम करने वाले कई इंजीनियर मुख्य अभियंता और प्रमुख अभियंता के पद की पात्रता रखते हैं।