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Rajasthan News: क्या प्रदेश में स्कूलों-मदरसों में बैन होगा हिजाब? दूसरे राज्यों में हिजाब पाबंदी के स्टेटस को लेकर मांगी रिपोर्ट

By: payal trivedi | Created At: 30 January 2024 04:32 AM


राजस्थान में सरकारी स्कूलों में हिजाब पर पाबंदी लगाने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। दूसरे राज्यों में हिजाब पाबंदी के स्टेटस को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है।

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Jaipur: राजस्थान में सरकारी स्कूलों में हिजाब पर पाबंदी लगाने (Rajasthan News) की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। दूसरे राज्यों में हिजाब पाबंदी के स्टेटस को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग में उच्च स्तर पर हिजाब बैन मामले में रिपोर्ट तैयार करके शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को भेजी जाएगी। बताया जा रहा है कि दिलावर ने ही इस मामले में विभाग से दूसरे राज्यों में हिजाब बैन के स्टेटस और राजस्थान में इसके प्रभावों को लेकर रिपोर्ट मांगी है। वहीं, कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने भी कहा है कि स्कूलों-मदरसों में हिजाब पर रोक लगनी चाहिए। दूसरे राज्यों के पैटर्न का अध्ययन करने के बाद हिजाब बैन की संभावनाओं पर स्टेटस रिपोर्ट मंत्री को भेजी जाएगी। उच्च स्तर से हरी झंडी मिलने के बाद राजस्थान के स्कूलों में भी हिजाब पर पाबंदी लगाई जा सकती है।

'स्कूलों-मदरसों में ड्रेस कोड का होना चाहिए पालन'

कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने प्रदेश भर में स्कूलों में हिजाब (Rajasthan News) पर बैन लगाने की पैरवी की है। ​उन्होंने कहा- स्कूलों में ड्रेस कोड की पालना होनी ही चाहिए। हिजाब सरकारी ही नहीं, प्राइवेट स्कूलों और मदरसों तक में प्रतिबंधित होना चाहिए। मैं इस पर मुख्यमंत्री से बात करूंगा।

'मुगलों ने चलाई थी ये प्रथा'

डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा- जब मुगल आक्रांता यहां आए तो उन्होंने यह प्रथा हमारे देश में चलाई। हिंदुस्तानी मुसलमानों का डीएनए भी तो हमारा ही है। बुर्का और हिजाब हमारे देश में किसी प्रकार स्वीकार्य नहीं है। जब मुसलमान देशों में ही हिजाब-बुर्का स्वीकार्य नहीं है तो हम क्यों अपनाएं? हमारे विधायक ने यह मामला उठाया है। ड्रेस कोड पुलिस में भी होता है, स्कूलों में भी होता है। ऐसे तो कोई थानेदार कल कुर्ता-पायजामा पहनकर थाने में बैठ जाएगा। हर चीज का एक नियम होता है।

कर्नाटक में बीजेपी सरकार ने 2022 में लगाया था बैन

कर्नाटक के उडुपी जिले के एक कॉलेज में 31 दिसंबर 2021 को 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने पर रोक लगाने से विवाद हुआ था। यह विवाद बढ़ा तो फरवरी 2022 में तत्कालीन कर्नाटक सरकार ने स्कूल-कॉलेजों में सभी तरह के धार्मिक पहचान वाले कपड़े पहनने पर रोक लगा दी थी। इसके पीछे कर्नाटक सरकार ने समानता का तर्क दिया था। कर्नाटक सरकार ने हिजाब के साथ ही सभी तरह के धार्मिक पहचान के कपड़ों पर रोक लगाई थी। आदेश में तर्क दिया गया था कि कोई भी कपड़ा जो समानता, अखंडता और सार्वजनिक कानून व्यवस्था को परेशान करेगा, उसे स्कूलों में पहनने की अनुमति नहीं होगी।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कही थी ये बात

कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों में हिजाब बैन (Rajasthan News) के फैसले को सही ठहराया था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब बैन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा था कि स्कूल-कॉलेजों में ड्रेस कोड सही है। हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट से खंडित फैसला आया था। इसमें एक जज ने हिजाब बैन के पक्ष में तो दूसरे ने विपक्ष में राय दी थी। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनने के बाद बीजेपी सरकार के हिजाब बैन के फैसले को पलट ​दिया। कांग्रेस सरकार ने स्कूल-कॉलेजों में हिजाब और बुर्का पहनने की छूट दे दी।

स्कूलों में लागू है ड्रेस कोड

राजस्थान के स्कूलों में ड्रेस कोड लागू है। स्टूडेंट को एक तय ड्रेस में स्कूल आना होता है, इस पर कभी विवाद नहीं हुआ। कई कॉलेज-यूनिवर्सिटी में भी ड्रेस कोड है।

बीजेपी विधायक के बयान से शुरू हुआ विवाद

राजस्थान में जयपुर की हवामहल सीट से बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य के गंगापोल के एक स्कूल में दिए बयान से विवाद की शुरुआत हुई। बालमुकुंद आचार्य के बयान के खिलाफ सोमवार को छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया। सुभाष चौक थाने को घेर लिया। विधानसभा में कांग्रेस विधायक रफीक खान ने यह मुद्दा उठाया तो विवाद प्रदेश स्तर का हो गया। हिजाब बैन को लेकर प्रदेशभर में सियासी माहौल गर्मा गया। आगे इस पर सियासी विवाद होना तय माना रहा है।