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उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद क्या बदलेगा और क्या नहीं?

By: Ramakant Shukla | Created At: 06 February 2024 05:48 AM


उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार मंगलवार 6 जनवरी 2024 को विधानसभा के विशेष सत्र में समान नागरिक संहिता संबंधी विधेयक पेश करेगी। इससे संबंधित ड्राफ्ट बीते दिनों यूसीसी कमेटी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपा था।

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उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार मंगलवार 6 जनवरी 2024 को विधानसभा के विशेष सत्र में समान नागरिक संहिता संबंधी विधेयक पेश करेगी। इससे संबंधित ड्राफ्ट बीते दिनों यूसीसी कमेटी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपा था।

उत्तराखंड में UCC

- सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी

- पुरुष-महिला को तलाक देने के समान अधिकार

- लिव इन रिलेशनशिप डिक्लेयर करना जरूरी

- लिव इन रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर 6 माह की सजा

- लिव-इन में पैदा बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार

- महिला के दोबारा विवाह में कोई शर्त नहीं

- अनुसूचित जनजाति दायरे से बाहर

- बहु विवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं

- शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी बिना रजिस्ट्रेशन सुविधा नहीं

- उत्तराधिकार में लड़कियों को बराबर का हक

UCC लागू तो क्या होगा?

- हर धर्म में शादी, तलाक के लिए एक ही कानून

- जो कानून हिंदुओं के लिए, वही दूसरों के लिए भी

- बिना तलाक एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे

- मुसलमानों को 4 शादी करने की छूट नहीं रहेगी

UCC से क्या नहीं बदलेगा?

- धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं

- धार्मिक रीति-रिवाज पर असर नहीं

- ऐसा नहीं है कि शादी पंडित या मौलवी नहीं कराएंगे

- खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर प्रभाव नहीं

बीजेपी ने किया था चुनावी वादा

वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में यूसीसी पर अधिनियम बनाकर उसे प्रदेश में लागू करना भी शामिल था। वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड राज्य में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने का इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सरकार गठन के तत्काल बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी। कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है। यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के समान कानून लागू होंगे। चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों।