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झारखंड कैश कांड में ED ने कोर्ट में किया बड़ा दावा, 'रिश्वत का पैसा अधिकारियों और नेताओं के बीच बांटा जाता था बराबर'

By: Sanjay Purohit | Created At: 08 May 2024 06:35 AM


झारखंड कैश कांड में ईडी ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया है, जहां ईडी ने एक बड़ा दावा किया है कि टेंडर से मिलने वाले कमीशन का पैसा संजीव लाल ही इकट्ठा करता था

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झारखंड कैश कांड में आरोपी संजीव लाल और जहांगीर आलम के खिलाफ रिमांड कॉपी में ED ने बड़ा दावा किया है। ED ने आज आरोपियों को कोर्ट में रिमांड के लिए पेश किया जहां, एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि केस की जांच के दौरान पता चला कि वीरेंद्र कुमार राम जोकि ग्रामीण विकास विभाग में चीफ इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे और वे सरकारी टेंडर के नाम पर 1.5 परसेंट कमीशन लेते थे। इसके बाद ये रिश्वत का पैसा विभाग के तमाम अधिकारियों और राजनेताओं के बीच बराबर बांटा जाता था।

संजीव लाल इकट्ठा करता था कमीशन

ईडी ने आगे बताया कि टेंडर से आया ये कमीशन संजीव लाल इकट्ठा करता था और वीरेंद्र कुमार राम ने पूछताछ के दौरान ये कबूल भी किया था कि संजीव लाल को उनके द्वारा जारी टेंडर की एवज में सितंबर 2022 तक करोड़ों रुपये की मोटी रकम मिली है। इसके अलावा जांच के एक और असिस्टेंट इंजीनियर का नाम भी सामने आया है। इसी आधार पर 6 मई को ED की टीम ने रांची में कई ठिकानों पर रेड की।

मिले थे 35 करोड़ से ज्यादा रुपये

ईडी ने कहा कि रेड के दौरान संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के घर से 32.20 करोड़, एक अन्य करीबी के ठिकाने से 2.93 करोड़ रुपये और संजीव लाल के ठिकाने से 10.5 लाख रुपये बरामद हुए। जांच में सामने आया कि संजीव लाल प्रभावशाली व्यक्तियों के आधार पर सरकारी टेंडर से आने वाले कमीशन की वसूली करता था। बरामद रकम अपराध से कमाई की गई आय है। स्टेटमेंट रिकॉर्ड करते वक़्त आरोपियों ने सहयोग नहीं किया, इसीलिए गिरफ्तारी जरूरी थी। ईडी ने बताया कि अभी बरामदगी का संबंध किस-किस से है ये पता करना है, साथ ही कुछ और चल-अचंल संपत्ति के बारे में भी जांच करनी है और कुछ अन्य लोकसेवको के नाम सामने आए थे, जिसकी जांच की जानी है।

कमीशन का पैसा पहुंचता है सरकारी अधिकारियों तक भी

ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और संजीव लाल के घरेलू नौकर जहांगीर आलम की रिमांड मांगते हुए ED ने कोर्ट को बताया कि संजीव लाल ने कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों की ओर से कमीशन वसूली का काम करता है और टेंडरों की आड़ में इंजीनियरों से कमीशन वसूली में अहम भूमिका निभाता है। इतना ही नहीं ED ने कोर्ट को यह भी बताया कि कमीशन का पैसा सरकारी अधिकारियों तक भी पहुंचाया जाता है। इसके अलावा ED ने बताया कि जांच के दौरान कई नौकरशाहों और राजनेताओं के नाम सामने आए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।