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जीतू की सेहत पर लोकसभा चुनाव के परिणामों का क्या होगा असर?

By: Sanjay Purohit | Created At: 09 June 2024 07:26 AM


क्या जीतू को पहले से ही लोकसभा चुनाव के नतीजों का आभास था?

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कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से व्यक्तिगत मुलाकात हुई थी, उस वक्त मैंने उनसे लोकसभा चुनाव को लेकर उनकी प्लानिंग पर बात की, जाहिर सी बात है, बतौर प्रदेशाध्यक्ष उनकी ख्वाहिश कांग्रेस को एक बेहतर नंबर तक पहुंचाना था, लेकिन इसके इतर उनका एक और प्लान भी साफ नजर आ रहा था, जो जुड़ा था, बिखरती कांग्रेस और उसके हताश कार्यकर्ताओं में एक जान फूंकना, इसके लिए जीतू ने एक टाइमलाइन भी सेट करके रखी थी, जो लोकसभा चुनाव और उसके नतीजों से कतई मेल नहीं खा रही थी।

ऐसे में जीतू के संबंधित सियासी टारगेट का क्या मतलब था? क्या जीतू को पहले से ही लोकसभा चुनाव के नतीजों का आभास था? अगर हां, तो क्या वो इसके लिए तैयार थे, और हाईकमान को भी संबंधित स्थिति को लेकर विश्वास में ले चुके थे? कथित तौर पर अपनी जिस जिद के तहत राहुल गांधी ने एकाएक कमलनाथ के इस्तीफे के बिना जीतू को प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा दिया था, ऐसे में जीतू भी इतने नासमझ नहीं है, कि अपने नेता की जिद को पूरा करने की एवज में उससे एक कमिटमेंट तक न लें और जाहिर सी बात है, वो कमिटमेंट जुड़ा होगा, लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश कांग्रेस के लचर प्रदर्शन के बाद भी खुद पर राहुल और कांग्रेस हाईकमान के विश्वास कायम रखने से। जिस वक्त जीतू के राजनीतिक भविष्य पर मंथन से संबंधित ये रपट लिखी जा रही है, उस वक्त वह दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के सवालों का जवाब दे रहे हैं।