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CG NEWS :अवैध कब्जा रोकने के लिए सरकारी प्रयासों पर एक बार फिर सवालिया निशाना, सन एंड सन्स पर स्थानीय लोगो ने लगाया अवैध कब्जा का आरोप

By: Shivani Hasti | Created At: 27 May 2024 10:46 AM


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CG NEWS : छत्तीसगढ़ में राज्यस्तर पर शासन द्वारा जल संरक्षण के लिए तालाबों को संवारने की मुहिम भले छिड़ी हो, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता इस पर भारी पड़ रही है। राजधानी में तालाब पर अवैध कब्जा का सिलसिला लगातार जारी है। स्वामी आत्मानंद वार्ड क्रमांक 39 में विगत 3 वर्षों से "सन एंड सन्स" नाम के निजी कंपनी के द्वारा "करबला तालाब" को पाट कर कब्जे की तैयारी हो रही है।

पहले भी हो चुका है कब्जे का प्रयास

अवैध कब्जे के चलते पिछले साल तालाब के 12 से 15 हजार वर्गफीट हिस्से को लगभग पाट दिया गया था। इतने के बाद भी प्रशासन के जिम्मेदार मौन साधे थे। जब स्थानीय लोगों ने कब्जे का विरोध किया उसके बाद प्रशासन का अमला जागा और तालाब को कब्जे से मुक्त करवाया गया।

इस तरीके से हो रहा है कब्जे का प्रयास

तालाब के सामने निर्माणधीन बहुमंजिला बिल्डिंग में भू- तल का भी निर्माण हो रहा है। जिससे निकलने वाले मलबे के माध्यम से तालाब को पाट कर कब्जा किया जा रहा है। पहले तो निर्माण से निकले मलबे के माध्यम से तालाब के किनारे के रास्ते को ढका गया। उसके बाद तालाब के लगभग 10 फीट के एरिया पर बोल्डर मुरम और रेट के माध्यम से सड़क निर्माण का प्रयास किया जा रहा है। इस तरह से कंपलेक्स बनाने के नाम पर धीरे-धीरे कर तालाब के लगभग 60 फीट का एरिया कब्जा लिया गया है। रायपुर के इतिहास और लोगों के धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा हुआ है करबला तालाब, स्थानीय रहवासियो का कहना है कि यह तालाब बहुत ऐतिहासिक है। लोगो की धार्मिक आस्था इस तालाब से जुड़ी हुई है। हिंदू - मुस्लिम समेत अन्य समाज के लोग भी यहां पर कई धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। हिंदू समाज के गौरी गौरा पूजा का आयोजन हो या फिर मुस्लिम समाज के ताजिए को विसर्जित करना करबला तालाब कई धार्मिक अनुष्ठानों का आधार है जिसके कारण लोगों की धार्मिक भावनाएं भी तालाब के कब्जे के साथ आहट होती हुई नजर आती है।

कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत हो रहा तालाब का सौंदरीकरण

तालाब के सौंदरीकरण का काम भी सीएसआर फंड के लगभग ढाई करोड़ की लगता से ये बिल्डर के ही द्वारा करवाया जा रहा हैं। वार्ड के पार्षद का कहना है कि तालाब के सौंदरीकरण के बारे में नहीं जोन कार्यालय में किसी को सूचना है नहीं या नगर निगम के संज्ञान में बिल्डर निर्माता के द्वारा बेधड़क इस तालाब का सौंदरीकरण कराया जा रहा है। बिल्डर के इस काम से भी साजिश की बू आती है। तालाब के जिस हिस्से पर कब्जे का प्रयास किया जा रहा है उस हिस्से पर सौंदरीकरण नहीं किया गया। जो बिल्डर के पूरे मंसूबों को इंगित करता है।

हर स्तर के शिकायत के बाद भी नही टूटी जिम्मेदारों की कुंभकरणीय नींद

जब स्थानीय पार्षद अमर बंसल से पूछा गया कि आपके वार्ड में मौजूद इकलौते तालाब पर हो रहे कब्जे को लेकर आपने क्या किया तो उन्होंने जवाब दिया कि स्थानी निवासियों के साथ कई बार पार्षद धरना दे चुके हैं। विरोध का स्वर उठता देख अधिकारी कब्जे को हटाने पहुंचते हैं लेकिन मामला शांत होता देख फिर से बिल्डर कब्जे का प्रयास करने लगता है l बार-बार ऐसी स्थिति निर्मित होने के कारण पार्षद के द्वारा स्थानीय विधायक, नगर निगम आयुक्त, महापौर और रायपुर कलेक्टर को भी पत्र लिखकर मामले पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया हुआ है। लेकिन आश्वासन के अलावा उनके हाथों कुछ नहीं लगता और बिल्डर धड़ल्ले से कब्जा करने का प्रयास कर रहा है।

बिल्डर को क्यों चाहिए तालाब का ये हिस्सा

स्थानीय लोगों का कहना है कि बिल्डर के द्वारा जो बिल्डिंग तैयार की जारी है उसके पार्किंग को सेवस्थित करने के लिए तलाक का या हिस्सा काम आ सकता है जिससे गाड़ियों के आवागमन में कोई भी दिक्कत नहीं होगी इसी उद्देश्य से लगातार कब्जे का प्रयास बिल्डर के द्वारा किया जा रहा है। लेकिन स्थानीय तालाब को अपने जीवन शैली का एक अभिन्न अंग मानते हैं और यह दावा करते हैं कि बिल्डर के इन मंसूबों को कभी भी कामयाब होने नहीं देंगे और यदि आवश्यकता पड़ी तो बड़े स्तर का प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।