Jaipur: पेपर लीक मामले में नित नए खुलासों (Paper Leak Case) के बाद अब सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती-2021 परीक्षा निरस्त की जा सकती है। जांच एजेंसी एसओजी ने इस परीक्षा का पेपर पूरी तरह आउट माना है। अब एसओजी इस सवाल के साथ सरकार को पत्र भेजने की तैयारी में है कि क्यों न यह भर्ती परीक्षा रद्द कर दी जाए। हालांकि परीक्षा रद्द होगी या नहीं, इसका निर्णय राज्य सरकार करेगी।
55 एसआई और रडार पर
अब राजस्थान पुलिस अकादमी और पुलिस ट्रेनिंग सेंटर किशनगढ़ में प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं में से और 55 एसआई एसओजी के रडार पर आए हैं। एसओजी का मानना है कि ये सभी लीक हुए पेपर के आधार पर, डमी अभ्यर्थी बैठाकर या परीक्षा सेंटर पर धांधली कर पास हुए हैं। क्योंकि इनमें सामान्य ज्ञान तक नहीं है। परेड के दौरान दाएं-बाएं भी नहीं समझते। पास के अभ्यर्थी को देखकर दाएं-बाएं घूमते हैं।
एसओजी के तर्क व सवाल: परीक्षा 3 दिन चलना ही संदेहास्पद, पेपर पाकर अभ्यर्थी परीक्षा देते रहे
-एसओजी ने उसी पेपर से 705 ट्रेनी एसआई की वापस परीक्षा ली तो 55% एसआई सही जवाब नहीं दे सके। हालांकि इनकी ओएमआर शीट की जांच अभी जारी है।
-लीक होने के बाद पेपर जिन अभ्यर्थियों के पास पहुंचा, उनमें से अधिकतर लिखित परीक्षा में पास हुए। कुछ दक्षता में फेल हो गए।
-पेपर लीक के आरोपी जगदीश विश्नोई, राजेन्द्र यादव, शिवरतन मोट, हर्षवर्धन मीणा, राजेन्द्र उर्फ राजू व पकड़े गए प्रशिक्षु एसआई ने अन्य लोगों को भी पेपर देने की बात कबूली थी।
-करीब 6.60 लाख अभ्यर्थियों वाली आरएएस-प्री परीक्षा (Paper Leak Case) तो एक ही पारी में संपन्न हो गई, जबकि 7.86 लाख अभ्यर्थियों वाली एसआई भर्ती परीक्षा 3 दिन में कराई गई। ऐसे में लीक पेपर का फायदा 3 दिन में ज्यादा अभ्यर्थियों ने उठाया।
सवाल यह: जो योग्यता से चयनित हुए, उनका क्या?
350 अभ्यर्थी योग्यता से चयनित हुए हैं। भर्ती रद्द हुई तो उनका क्या होगा? कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा कहते हैं- सरकार ऐसी प्रक्रिया अपनाए कि पेपर लीक या नकल से चुने गए अभ्यर्थी बाहर हों। योग्य अभ्यर्थियों का चयन यथावत रहे। चयन से वंचित योग्य अभ्यर्थी मेरिट से चुने जाएं।
जांच जारी है, उसके बाद ही निर्णय हो पाएगा
एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने कहा कि पेपर लीक होने से कई योग्य अभ्यर्थी चयन से बाहर हो गए। हम पेपर लीक से जुड़े हर संदिग्ध तक पहुंच रहे हैं, लेकिन जो मेहनत से भर्ती हुए हैं, उनके साथ भी न्याय होना चाहिए। जांच पूरी होने पर ही निर्णय हो पाएगा कि परीक्षा निरस्त हो या नहीं।