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यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट असंवैधानिक करार, HC ने कहा- मदरसे में बच्चों को बुनियादी शिक्षा दें

By: Sanjay Purohit | Created At: 22 March 2024 08:30 AM


इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक बड़ा फैसला सुनाया है, दरअसल, यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक घोषित कर दिया है।

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लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक बड़ा फैसला सुनाया है, दरअसल, यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। एक महत्वपूर्ण फैसले में न्यायालय की लखनऊ बेंच ने यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन बताया। कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया।

आपको बता दें कि हालही में यूपी में मदरसों की जांच करने के लिए सरकार के द्वारा एक एसआईटी की टीम का गठन किया गया था। जांच पूरा होने के बाद एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट यूपी सरकार को सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में करीब 13 हजार अवैध मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई है। SIT की जांच और सिफारिश के बाद हजारों की संख्या में इन अवैध मदरसों पर कार्रवाई के लिए मदरसा बोर्ड तैयारी कर रहा है। एसआईटी की जांच में जिन मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई है उनमें अधिकतर भारत-नेपाल की सीमा पर हैं। रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि ज्यादातर मदरसों का निर्माण पिछले 20 वर्षों में खाड़ी देशों से मिले फंड के जरिए किया गया है।

नेपाल से सटे जिलों में अवैध मदरसे

मिली जानकारी के अनुसार, SIT रिपोर्ट में लिखा गया है कि सबसे ज्यादा अवैध मदरसों का निर्माण भारत नेपाल सीमा से सटे बहराइच, श्रावस्ती और महराजगंज के साथ साथ सात जिलों में किया गया है। नेपाल से सटे इन जिलों में मदरसों की संख्या 500 से अधिक है। खास बात यह है कि एसआईटी की टीम ने जब इन मदरसों के संचालकों से आय और व्यय की जानकारी मांगने पर वो संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। ऐसे में आशंका जताई गई कि टेरर फंडिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रकम को हवाला के जरिए खाड़ी देशों से भेजा गया था। अवैध मदरसा संचालकों ने इस बात को माना कि चंदे की रकम से ही मदरसों का निर्माण डोनेशन के जरिए ही की गई हालांकि डोनेशन देने वालों के बारे में वे जवाब नहीं दे सके।