स्थानीय निकाय चुनाव में 27% OBC आरक्षण देने का एलान, इन वर्गों के कोटे में नहीं होगा बदलाव
By: Ramakant Shukla | Created At: 30 August 2023 07:49 AM
गुजरात में लंबे समय से ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने की मांग उठ रही है। ओबीसी आरक्षण पर प्रदेश में क्लीयर स्टैंड न होने से, स्थानीय चुनाव में देरी हो रही है। ऐसे मंगलवार को निकाय चुनाव से पहले गुजरात सरकार ने एक बड़ा एलान किया है। भूपेंद्र पटेल की अगुवाई वाली बीजेपी (BJP) सरकार ने गुजरात निकाय चुनाव में 27 फीसदी आरक्षण लागू करने का फैसला किया है।

गुजरात में लंबे समय से ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने की मांग उठ रही है। ओबीसी आरक्षण पर प्रदेश में क्लीयर स्टैंड न होने से, स्थानीय चुनाव में देरी हो रही है। ऐसे मंगलवार को निकाय चुनाव से पहले गुजरात सरकार ने एक बड़ा एलान किया है। भूपेंद्र पटेल की अगुवाई वाली बीजेपी (BJP) सरकार ने गुजरात निकाय चुनाव में 27 फीसदी आरक्षण लागू करने का फैसला किया है।
इस फैसले से गुजरात की बीजेपी सरकार ने प्रदेश के 40 फीसदी ओबीसी मतदाताओं को साधने की कोशिश की है। सियासी जानकारों के मुताबिक, प्रदेश सरकार को आगामी लोकसभा चुनाव में भी इसका फायदा मिलेगा। बीजेपी सरकार ने मंगलवार को एक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर पंचायतों, नगर पालिकाओं और नगर निगमों जैसे निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 फीसदी आरक्षण की घोषणा की, जिससे इन निकायों के चुनाव का रास्ता साफ हो गया।हालांकि, पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) (पेसा) अधिनियम के तहत अधिसूचित क्षेत्रों में, जिनमें से अधिकांश अच्छी खासी आदिवासी आबादी वाले हैं। स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण 10 फीसदी जारी रहेगा।
उच्चतम न्यायालय ने ओबीसी आरक्षण पर क्या कहा?
गुजरात सरकार ने कहा कि इसके अलावा, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लिए मौजूदा कोटा अपरिवर्तित रहेगा, इससे 50 फीसदी आरक्षण की सीमा का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। इससे पहले, गुजरात में स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण 10 फीसदी था। न्यायमूर्ति झावेरी आयोग की रिपोर्ट पर आधारित यह घोषणा लोकसभा चुनाव से पहले की गई है और इससे स्थानीय निकाय चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त होगा, जो लंबित आरक्षण मुद्दे के कारण स्थगित कर दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि ओबीसी के लिये आरक्षण उनकी आबादी के आधार पर होना चाहिये।
झावेरी आयोग की रिपोर्ट पर ओबीसी आरक्षण को मंजूरी
गुजरात के मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता ऋषिकेश पटेल ने मीडिया से कहा कि, 'झावेरी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर एक कैबिनेट उप-समिति ने स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण की सिफारिश की और सिफारिश को राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को स्वीकार कर लिया.' उन्होंने कहा, 'इससे पहले, गुजरात में स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण 10 फीसदी था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए सीट आरक्षण को फिर से परिभाषित करने के लिए एक आयोग का गठन किया गया था।
झावेरी आयोग की रिपोर्ट हमें अप्रैल में मिली. उसके बाद मंत्रिमंडल की एक उप-समिति ने उसपर विचार-विमर्श किया. पटेल ने कहा कि घोषणा के बाद, चुनाव होने पर पंचायतों (ग्राम, तालुका और जिला), नगरपालिकाओं और नगर निगमों में सीट 27 फीसदी अनुपात में ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रखी जाएंगी।