घर की दिवारों पर क्यों लिखा जाता है शुभ- लाभ, जानिए इसके पीछे का कारण
By: Richa Gupta | Created At: 11 November 2023 03:32 PM
दीवाली का त्योहार अब निकट हैं। ऐसे में हिंदू धर्म, संस्कृति और पौराणिक मान्यताओं में कई तरह के चिन्ह, मंत्र, नाम, घर के मुख्य द्वार, दीवार, वाहन, तिजोरी इत्यादि में लिखे और बनाये जाते हैं जो सांस्कृतिक, ज्योतिष, आध्यात्मिक रुप से अत्यंत शुभकारी और जरुरुी होते हैं।

दीवाली का त्योहार अब निकट हैं। ऐसे में हिंदू धर्म, संस्कृति और पौराणिक मान्यताओं में कई तरह के चिन्ह, मंत्र, नाम, घर के मुख्य द्वार, दीवार, वाहन, तिजोरी इत्यादि में लिखे और बनाये जाते हैं जो सांस्कृतिक, ज्योतिष, आध्यात्मिक रुप से अत्यंत शुभकारी और जरुरुी होते हैं। यह हमें सकारात्मक उर्जा प्रदान करतें है और नकारत्मक ऊर्जा से हमे बचा कर रखते है। ऐसे ही दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते समय दीप प्रज्वलित कर घर के मुख्यद्वार पर शुभ और लाभ दो नाम लिखें जाते हैं लेकिन सवाल यह उठता है की ये नाम क्यों लिखे जाते हैं और इनका क्या महत्व है?
घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है
आपकों बता दें कि, घर के मुख्य द्वार पर शुभ-लाभ और स्वस्तिक का चिह्न अंकित करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। चिन्हित नाम मात्र से घर के अंदर सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और नकारात्मक उर्जा घर में प्रवेश नहीं करती। साथ ही विघ्नहर्ता भगवान गणेश की कृपा सदैव बनी रहती है।
क्या के कारण
जानकारी के अनुसार, भगवान गणेश का विवाह प्रजापति विश्वकर्मा की पुत्री रिद्धि और सिद्धि नामक दो कन्याओं से हुआ था। रिद्धि से ‘क्षेम'(शुभ) और सिद्धी से ‘लाभ’ नाम के दो पुत्र हुए। रिद्धि शब्द का भावार्थ है ‘बुद्धि’ जिसे हिंदी में शुभ कहते जो कल्याण करती हैं। वहीं सिद्धी शब्द का मतलब लाभ से है जो हमे लाभ प्रदान करतीं हैं। इन्ही के दोनों पुत्रों के नाम शुभ-लाभ लिखे जाते हैं। इसीलिए जिन लोगों को कल्याण और लाभ की कामना होती है। वह दीपावली को विघ्नहर्ता गणेश की पूजा कर दीप प्रज्वलित कर भगवान की कृपा पाने शुभ – लाभ का नाम द्वार में लिखते हैं।