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तीन विधायकों के निकलने से भी हरियाणा में भाजपा सरकार को खतरा नहीं, समझिये गणित

By: Ramakant Shukla | Created At: 08 May 2024 07:14 AM


लोकसभा चुनाव के बीच इधर हरियाणा में नया राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। यहां सीएम नायब सिंह सैनी की सरकार का समर्थन देने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापसी की घोषणा कर दी है। पूंडरी से रणधीर गोलन, चरखी दादरी से सोमवीर सांगवान व नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर ने रोहतक पहुंचकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भेंट की और कहा कि वे कांग्रेस को समर्थन देंगे। तीनों ने यह भी कहा कि उन्हों ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया है।

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लोकसभा चुनाव के बीच इधर हरियाणा में नया राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। यहां सीएम नायब सिंह सैनी की सरकार का समर्थन देने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापसी की घोषणा कर दी है। पूंडरी से रणधीर गोलन, चरखी दादरी से सोमवीर सांगवान व नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर ने रोहतक पहुंचकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भेंट की और कहा कि वे कांग्रेस को समर्थन देंगे। तीनों ने यह भी कहा कि उन्हों ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया है। हुड्डा का दावा है कि तीनों ने बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने का पत्र हरियाणा के राज्यपाल को भेज दिया है। ऐसे में यहां भाजपा सरकार संख्या बल की दृष्टि से अल्पमत में आ गई है। गत 22 फरवरी को ही कांग्रेस के तत्कालीन सीएम मनेाहर लाल खट्टर के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाई थी। तब निर्दलीय विधायकों के समर्थन के दम पर ही बीजेपी बहुमत साबित कर सकी थी। फिर मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी 12 मार्च को सीएम बने और 13 मार्च को उन्होंने अपना बहुमत साबित कर दिखाया था। मालूम हो कि इस राज्य में सितंबर व अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होना हैं। बीजेपी के रणनीतिकारों का कहना है कि अभी सरकार को कोई खतरा नहीं है। अगर कांग्रेस भाजपा के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो जेजेपी के 10 अंसतुष्ट विधायकों में से चार विधायक भाजपा के साथ हैं और दो कांग्रेस की ओर झुके हुए हैं। ऐसे में 88 सदस्यों की इस विधानसभा में 45 विधायकों के समर्थन की बात भाजपा विधानसभा में पेश कर सकती है।

यह है वर्तमान गणित

हरियाणा विधानसभा में विधायकों की संख्या 88 है जिसमें बहुमत के लिए 45 चाहिये। अभी वर्तमान में भाजपा के पास 40 कांग्रेस के पास 30 जेजेपी के पास 10 और निर्दलीय 6 विधायक हैं। हलोपा और इनेलो के पास एक-एक सीटें हैं।