भारत लगातार अपनी रक्षा तंत्र को मजूबत करने में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में भारत LAC से 50 किलोमीटर की दूरी पर दुनिया का सबसे ऊंचा एयरबेस बनाने जा रहा है। पूर्वी लद्दाख से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर न्योमा एयरफील्ड में भारत ये एयरबेस तैयार करने जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज 12 सितंबर को इस एयरबेस का शिलान्यास करेंगे। दरअसल भारत चीन की चालाकियों से निपटने के लिए पूर्वी लद्दाख के सामरिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इलाके में लगातार अपनी सक्रियता और क्षमता बढ़ाने में जुटा है। यह इलाका सामरिक ताकत के लिहाज से भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण इलाका है।
इस साल के अंत तक बनकर होगा तैयार
इसके साथ ही भारत पूर्वी लद्दाख में चीन बॉर्डर के करीब दुनिया की सबसे ऊंची फाइटर जेट बेस, मोटरेबल सड़क औप टनल भी बना रहा है। इसके साथ ही भारत ने लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों तक परिवहन और दूसरी अन्य सुविधाओं के विस्तार पर भी काफी ध्यान दे रहा है। रक्षा मामलों के जानकारों के अनुसार, न्योमा एयरफील्ड इस साल के अंत तक बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। इन लोगों का कहना है कि चीन की चुनौतियों के लिहाज से यह एयरबेस भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यहां से लड़ाकू विमानों का उड़ाया सकता है।दरअसल पिछले कुछ समय लद्दाख से सटे अपने इलाकों में चीन ने सक्रियता बढ़ा दी है और वो तेजी से निर्माण कार्य कर रहा है।
मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा
इस एयरफील्ड को वर्तमान स्थिति को देखते हुए बेहद अहम माना जा रहा है। इससे चीन पर कड़ी नजर रखी जा सकती है। अगर चीन कोई हरकत करने की कोशिश करता है को उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड का इस्तेमाल 3 साल पहले से किया जा रहा है। इेस सैनिकों और सामग्री के परिवहन के लिए इस्तेमाल किया गया है।
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