Rajasthan Assembly Session में गहलोत सरकार के समय हुए खेलों के आयोजन पर उठे सवाल, जांच के लिए तैयार खेल मंत्री राठौड़
गहलोत राज में हुए खेलों के आयोजन पर अब सवाल उठ रहे हैं। भजनलाल सरकार ने इन खेलों के जांच की आज विधानसभा में घोषणा कर दी है।
Jaipur: गहलोत राज में हुए खेलों के आयोजन (Rajasthan Assembly Session) पर अब सवाल उठ रहे हैं। भजनलाल सरकार ने इन खेलों के जांच की आज विधानसभा में घोषणा कर दी है। खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि ग्रामीण और शहरी ओलंपिक खेलों की जांच को हम तैयार हैं। राठौड़ ने कहा कि इन आयोजनों पर विभागीय बजट से चार गुणा ज्यादा पैसा खर्च हुआ है। करीब 126 करोड़ की तो केवल टी-शर्ट खरीदी गईं हैं। मंत्री ने साफ किया कि इन खेलों के आधार पर किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।
क्या बोले जनसंसाधन मंत्री?
वहीं, ईआरसीपी पर बहस में जलसंसाधन मंत्री सुरेश रावत (Rajasthan Assembly Session) ने कहा कि इसमें केंद्र पैसा देगा, राज्य पर बहुत कम भार पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कॉर्पोरेशन तो बनाया, लेकिन बजट केवल 200 करोड़ दिया। केंद्र की बैठकों में भी यहां से कोई नहीं गया।
डग विधायक ने शमसान और कब्रिस्तान के विकास कामों पर उठाए सवाल
- डग विधायक कालूलाल ने शमसान और कब्रिस्तान के विकास कामों से जुड़ा सवाल पूछा था। जैसे ही सवाल पुकारा गया तो मंत्री किरोड़ीलाल ने खड़े होकर गलती से सवाल पढ़ना शुरू कर दिया।
- मीणा जवाब की जगह सवाल पढ़ने लग गए, जब एक सवाल पूरा पढ़ दिया तो संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने उन्हें टोका। नेता जूली और पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने भी किरोड़ी के जवाब की जगह सवाल पढ़ने पर आपत्ति जताई।
- विपक्ष की आपत्ति के बाद मंत्री किरोड़ी ने कहा कि उत्तर ही तो पढ़ रहा हूं, सुन लीजिए।
कांग्रेस राज में हुए ग्रामीण ओलंपिक खेलों की होगी जांच
- बसपा विधायक मनोज न्यांगली ने विधानसभा में ग्रामीण ओलिंपिक के आयोजन और इनमें खर्चे को लेकर सवाल उठाया है। जवाब में खेल मंत्री राज्यवर्द्धन राठौड़ ने कहा कि हम ग्रामीण-शहरी ओलिंपिक की जांच के लिए तैयार हैं।
- कांग्रेस राज में हुए ग्रामीण ओलंपिक खेलों के खर्च की जांच होगी। वित्त विभाग की कमेटी इसकी जांच करेगी।
- राठौड़ ने कहा कि यह चिंता और चिंतन का मुद्दा है कि विभाग का जितना बजट है उसका चार गुणा पैसा खर्च हुआ। कोई स्टेडियम नहीं बना, कोई असेट नहीं बनाया, 126 करोड़ केवल टीशर्ट खरीदने में खर्च हुआ। किन कंपनियों से ये खरीद हुई, टेंडर प्रक्रिया सही थी या नहीं इन सबकी जांच करवाई जाएगी।
- गहलोत राज के दौरान 2023 में ग्रामीण और शहरी ओलंपिक खेलों पर 156 करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड खर्च हुआ।
खेल मंत्री ने दिया ये जवाब
- खेल मंत्री ने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक खेलों के आधार पर राज्य, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तरीय अन्य प्रतियोगिताओं के लिए प्रतिभाओं के चयन या सरकारी सेवा में आउट ऑफ टर्न नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान नहीं है।
- खेल मंत्री ने कहा कि आउट आफ टर्न सरकारी सेवा में नियुक्ति के लिए 142 खिलाड़ियों के आवेदन प्रक्रियाधीन है। इन्हें सरकारी नौकरी देने का काम प्रोसेस में है।
- विधायल मनोज न्यांगली ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि खेल घोटाले में एक दंपत्ति का हाथ है। उस दौरान जमकर घोटाला हुआ,गबन किया।
- मुख्य खेल अधिकारी के चयन में गड़बड़ी है। मुख्य खेल अधिकारी के पद पर चयन में गलत शपथ पत्र दिया है। रेलवे में 16 और 17 सीसीए के नोटिस मिले हुए थे जिनकी जानकारी छिपाई। इसकी जांच होनी चाहिए।
जलसंसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कांग्रेस पर साधा निशाना
- जलसंसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। रावत ने कहा- कांग्रेस सरकार ने ईआरसीपी कॉर्पोरेशन बनाया लेकिन बजट केवल 200 करोड़ का दिया।
- कॉर्पोरेशन को कहा कि आप जमीन बेचो लेकिन 14 हजार करोड़ का प्रबंध करो। फिर भी कहते रहे कि केंद्र इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं करेगा तो हम करेंगे, बजट तो दिया ही नहीं।
- द्र सरकार ने ईआरसीपी को लेकर कई बार बैठक बुलाई लेकिन कांग्रेस सरकार के समय कोई गया ही नहीं।
- रावत ने कहा जिस तरह भागीरथ के प्रयासों से गंगा अवतरित हुई, उसी तरह पीएम मोदी, सीएम भजनलाल और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री के सहसोग से ईआरसीपी का काम हुआ है।
- नए संशोधित एमओयू से 2.80 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी, 26 बांध भरे जाएंगे, रास्ते में आने वाले अन्य बांध भी भरे जांएगे।
- संशोधित पीकेसी ईआरसीपी को नदी जोड़ो परियोजना में शामिल किया है। इसमें केंद्र पैसा देगा, राज्य पर बहुत कम भार पड़ेगा।
नई पीकेसी लिंक परियोजना से 40 फीसदी ज्यादा आबादी को मिलेगा पानी
- रावत ने कहा संशोधित पीकेसी लिंक योजना का केंद्रीय जल आयोग परीक्षण (Rajasthan Assembly Session) कर रहा है। पिछली सरकार ने कम बांध भरने का टारगेट रखा था। नई पीकेसी लिंक परियोजना से 40 फीसदी ज्यादा आबादी को पानी मिलेगा।
- पीएम मोदी और सीएम भजनलाल ने बड़ा विजन दिखाया है। आरोप लगाया कि 28 जनवरी के एमओयू में राजस्थान का पानी आधा किया हैं जबकि एमओयू के अनुसार डीपीआर बनाई जाएगी, डीपीआर के बाद ही पानी की मात्रा की गणना होगी।