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पहली बार राजस्थान में अंतरिम बजट में हुई इतनी घोषणाएं, जानें Loksabha Election 2024 में इसका कितना होगा असर?

By: payal trivedi | Created At: 09 February 2024 05:12 AM


लोकसभा चुनाव सामने हैं और विधानसभा में राजस्थान सरकार ने अंतरिम बजट पेश कर दिया। अंतरिम बजट में लोकसभा चुनाव की आहट सुनी जा सकती है। अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे सरकारों से तुलना करें, तो राजस्थान में पहली बार अंतरिम बजट में इतनी घोषणाएं की गईं।

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Jaipur: लोकसभा चुनाव सामने हैं और विधानसभा में राजस्थान सरकार (Loksabha Election 2024) ने अंतरिम बजट पेश कर दिया। अंतरिम बजट में लोकसभा चुनाव की आहट सुनी जा सकती है। अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे सरकारों से तुलना करें, तो राजस्थान में पहली बार अंतरिम बजट में इतनी घोषणाएं की गईं। भजनलाल सरकार ने 6 बड़ी योजनाओं के जरिए अपने वोट बैंक को साधने का प्रयास किया है। राज्य सरकार का शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस जैसे विभागों में सरकारी भर्तियों में तेज गति लाने का प्रयास है। किस विभाग में कितने पदों पर भर्ती, अब इस पर विभाग काम करेंगे। भर्ती प्रक्रिया में अनुशासन और तेज गति लाने के लिए आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड भर्ती कैलेंडर जारी करेंगे।

बेरोजगारी पर रहा खासा फोकस

बेरोजगारी कम करने और युवाओं को निजी क्षेत्र में अवसर देने के लिए राज्य सरकार सभी संभाग मुख्यालयों में युवा साथी केंद्र खोलेगी। वहीं जिलों में रोजगार मेले भी लगाएंगे। स्किल प्रोग्राम के तहत 20 हजार युवाओं और कलाकारों को प्रशिक्षण देकर रोजगार के योग्य बनाया जाएगा।

40 लाख युवाओं को साधने का प्रयास

पिछले कुछ सालों से पेपर लीक, परीक्षा रद्द होना, कोर्ट में अटकना (Loksabha Election 2024) बड़े मुद्दे रहे हैं। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में भी इन मुद्दों को भुनाया था। अब इन घोषणाओं के जरिए सभी छोटी-बड़ी सरकारी भर्तियों में शामिल होने वाले 40 लाख से अधिक युवाओं को साधने का प्रयास है। वहीं, जो सरकारी भर्ती की तैयारी नहीं करते या परीक्षा में पीछे रह जाते हैं, उनके लिए प्राइवेट कंपनियों में अवसर देने का रास्ता तैयार किया जाएगा। लोकसभा चुनाव से पहले बजट घोषणा से निराश युवा वर्ग में उत्साह जगाने की कोशिश की गई है, जिससे लोकसभा चुनाव में भाजपा को युवाओं का साथ मिल सके। ये वर्ग चुनाव में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता है।

10 लाख महिला वोटर्स पर भी खासा फोकस

लाडो प्रोत्साहन योजना शुरू होगी। इसमें गरीब परिवार में बेटी पैदा होने पर 1 लाख रुपए का सेविंग बॉन्ड मिलेगा। लखपति दीदी योजना के तहत 5 लाख परिवारों की महिलाओं की आय को एक लाख से ज्यादा बढ़ाया जाएगा। पीएम मातृ वंदन योजना के तहत महिलाओं को पहले प्रसव पर 5000 से बढ़ाकर 6500 रुपए दिए जाएंगे। इस पर 90 करोड़ खर्च होंगे। राजस्थान की हर लोकसभा सीट पर औसतन 10 लाख महिला वोटर हैं। ऐसे में महिला वोटरों को मैसेज देने का प्रयास किया है कि सरकार महिलाओं का विशेष ध्यान रखेगी। सुरक्षा के साथ आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उन्हें अपने पैरों पर भी खड़ा करेगी। विधानसभा चुनाव में महिला सुरक्षा बहुत बड़ा मुद्दा रहा और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने गहलोत सरकार में पूर्व संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के 'मर्दों के प्रदेश' वाले बयान पर भी बजट भाषण में तंज कसा।

सिंचाई और पेयजल के लिए चलाए जाएंगे ये प्रोजेक्ट्स

ईस्टर्न रीजन कैनाल प्रोजेक्ट को रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट में शामिल करने से सिंचाई और पेयजल के लिए अधिक पानी मिलने की उम्मीद। पहले प्रोजेक्ट के लिए अनुमानित राशि 37250 करोड़ रुपए रखी गई थी, जिसे बढ़ाकर 45000 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए।

पूर्वी राजस्थान की सीटें साधने का प्रयास

12 लोकसभा सीटों को साधने का प्रयास है। भाजपा को विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान से करीब 70 फीसदी सीटें मिलीं थीं। अब लोकसभा चुनाव में आधी सीटों पर इस मुद्दे का प्रभाव रहेगा। चुनाव जीतने के बाद भी ईआरसीपी पर राजनीति नहीं रुक रही है। विपक्षी कांग्रेस लगातार नई भाजपा सरकार पर निशाना साध रही है। विधानसभा चुनाव में ईआरसीपी भी पूर्वी राजस्थान में बड़ा मुद्दा बना रहा था। भाजपा लोकसभा चुनाव में भी इसे भुनाए रखना चाह रही है। प्रदेश के लाडपुरा, नसीराबाद, सिवाना, आहोर, डग, मालपुरा, गोगुंदा जैसे कई इलाकों/क्षेत्रों के लिए कोई योजना स्वीकृत ही नहीं थी। इन क्षेत्रों में क्षेत्रीय संतुलन के लिए वंचित विधानसभा क्षेत्रों में 1000 हजार करोड़ का प्रावधान किया। सड़क विकास में भी संबंधित क्षेत्रों से भेदभाव का जिक्र करते हुए 1500 करोड़ का अलग से प्रावधान किया गया है।

क्षेत्रीय भेदभाव को बनाएंगे मुद्दा

गहलोत सरकार को लेकर भाजपा लगातार विधानसभा में भेदभाव का मुद्दा उठाती रही। भाजपा का आरोप था कि क्षेत्रीय विकास में कांग्रेस अपने ही विधायकों का ध्यान रख रही है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय भेदभाव को बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा। अब भाजपा ने संबंधित विधानसभा क्षेत्र जीत लिए हैं। ऐसे में संतुलित विकास के जरिए लोकसभा चुनाव में वोटरों को साधा जाएगा। 20 मंदिरों के विकास के लिए 315 करोड़ रुपए का बजट घोषित किया। 5 लाख गोपालकों को सस्ता कर्ज देने की घोषणा। 100 करोड़ की लागत से महाराणा प्रताप सर्किट बनाया जाएगा।

किसानों को साधने की कोशिश

लोकसभा चुनाव में भाजपा को सूट करने वाला माहौल बनाने की तैयारी है। राम मंदिर की पूरे देश में चर्चा है और राजस्थान में भी आस्था केंद्रों पर विशेष फोकस किया गया है। गोपालन से ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग हर घर जुड़ा हुआ है और शहरी क्षेत्रों में भी 30 फीसदी घर जुड़े हुए हैं। सभी के दिल में गाय के लिए अलग आस्था भी है। वोटरों में यही भाव जगाए रखना भाजपा का फोकस है। 2000 करोड़ का कृषि क्षेत्र के लिए राजस्थान एग्रीकल्चर कोष। 20 हजार फार्म पॉन्ड, 5000 किसानों के वर्मी कंपोस्ट, फूडपार्क और हॉर्टिकल्चर हब। 500 कस्टमर हायरिंग सेंटर और किसानों को मुफ्त बीज किट।

कर्मचारियों को पर खासा फोकस

कर्मचारियों को प्रमोशन के अतिरिक्त अवसर दिए जाएंगे। डीपीसी में दो साल की छूट, जीपीएफ की डिटेल ऑनलाइन। रिटायरमेंट के दिन ही पेंशन से जुड़ी मंजूरियां। पेंशनर्स को घर बैठे लाइफ सर्टिफिकेट ऑनलाइन जारी। 60 से 80 साल तक के वरिष्ठ नागरिकों का अब रोडवेज में आधा किराया लगेगा।

बड़े वोट बैंक को साधने की कोशिश

लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा, किसान हमेशा बहुत बड़ा मुद्दा (Loksabha Election 2024) रहते हैं। राजस्थान में भाजपा की नई सरकार बनी है और बजट में किसानों की समस्याओं पर मरहम लगाने पर फोकस रखने का संकेत देने का प्रयास किया है। कांग्रेस की पिछली सरकार ने OPS का लाभ देकर कर्मचारियों को अपने पक्ष में करने का पूरा प्रयास किया। अब भाजपा ने कर्मचारियों को डीपीसी और अन्य मुद्दों पर फायदा देकर साधने का प्रयास किया है। प्रदेश के बुजुर्गों को रोडवेज में सफर करने पर 50 फीसदी छूट देकर सम्मान दिया गया है। सरकार ने संकेत दिया है कि बुजुर्गों का खास ध्यान रखा जाएगा।