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राम मंदिर पर संसद में धन्यवाद प्रस्ताव, लेकिन BJP ने क्यों जारी किया व्हिप?

By: Ramakant Shukla | Created At: 10 February 2024 06:16 AM


संसद के दोनों सदनों में राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव पास किया जाएगा। अयोध्या में बने भव्य और ऐतिहासिक राम मंदिर और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर लोकतंत्र के मंदिर में चर्चा होगी। राम मंदिर बनाने के सपने को साकार करने के लिए सांसदों की तरफ से पीएम मोदी का अभिनंदन किया जाएगा जबकि शाम 5 बजे पीएम मोदी लोकसभा में बोलेंगे। इसके साथ भी बीजेपी ने दोनों सदनों में अपने सांसदों की मौजूदगी के लिए व्हिप जारी किया है।

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संसद के दोनों सदनों में राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव पास किया जाएगा। अयोध्या में बने भव्य और ऐतिहासिक राम मंदिर और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर लोकतंत्र के मंदिर में चर्चा होगी। राम मंदिर बनाने के सपने को साकार करने के लिए सांसदों की तरफ से पीएम मोदी का अभिनंदन किया जाएगा जबकि शाम 5 बजे पीएम मोदी लोकसभा में बोलेंगे। इसके साथ भी बीजेपी ने दोनों सदनों में अपने सांसदों की मौजूदगी के लिए व्हिप जारी किया है। बतादें कि लोकसभा के एजेंडे के मुताबिक, सदन में नियम 193 के तहत अयोध्या के राम मंदिर और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर चर्चा की जाएगी। राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव के साथ ही आज लोकसभा में विदाई भाषण भी होगा क्योंकि संसद का अगला सत्र नई सरकार के साथ शुरू होगा तब कई मौजूदा सांसद अगली लोकसभा के सदस्य नहीं होंगे।

बीजेपी ने क्यों जारी किया व्हिप?

बीजेपी के व्हिप की बात करें तो इसका कारण भी सामने आया है. दरअसल, राम मंदिर पर चर्चा के अलावा कई और अहम बिल भी आज सदन में लाए जाएंगे. इसी वजह से व्हिप जारी किया गया है।

व्हिप क्या होता है?

बतादें कि व्हिप पार्टी के सदस्यों के लिए एक लिखित आदेश होता है जो उन्हें सदन में मौजूद रहने और वोटिंग करने के संबंध में दिया जाता है। व्हिप इसलिए जारी किया जाता है, जिससे पार्टी के सदस्यों को पता रहे कि सदन में मौजूद रहना है और किसे वोट करना है. व्हिप जारी होने के बाद सदस्य पार्टी लाइन से बंध जाते हैं. उनको इसे मानना ही पड़ता है.

व्हिप की जरूरत क्या है?

गौरतलब है कि व्हिप वो चीज है जिसकी वजह से लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा में पार्टी के सदस्य अनुशासित रहते हैं. पार्टी लाइन से बंधे रहते हैं. व्हिप के जरिए ही पार्टी के सदस्यों को दिशा-निर्देश मिलते हैं. अगर कोई व्हिप की अवमानना करता है या पार्टी लाइन से अलग जाकर सदन में वोट करता है तो उसकी सदस्यता खतरे में पड़ जाती है.