मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव बेहद दिलचस्प है. कई सीटों पर कड़ी टक्कर है मगर मध्य प्रदेश में कुछ ऐसा हो चला है की बीजेपी के कार्यकर्ता बेहद उत्साहित है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के कार्यकर्ता हतोत्साहित है. बीजेपी कार्यकर्ता अपना ज्यादा से ज्यादा समय जनता के बीच में दे रहे है तो दूसरी ओर विपक्षी नेताओं में उत्साह ही नजर नहीं आ रहा है.
बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में जीती थी 163 सीटें
पिछले साल के अखिरी में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 163 सीटें मिली थी. लिहाजा कार्यकर्ता जमीन पर उतनी मेहनत नहीं कर रहा हैं. जिसका असर वोटिंग प्रतिशत पर भी दिख रहा है. मध्य प्रदेश में 2019 के मुकाबले इस चुनाव में वोट प्रतिशत काफी कम रहा है.
कांग्रेस कार्यकर्ता क्यों हतोत्साहित?
ये तो हुई बीजेपी कार्यकर्ताओं के अति उत्साह की बात मगर अब आपको बताते है की कांग्रेस का कार्यकर्ता आखिर इतना हतोत्साहित क्यों है? हाल ही में इंदौर से कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय बम ने न सिर्फ नामांकन वापिस लिया बल्कि वो बीजेपी में भी शामिल हो गए.
2019 में मुरैना सीट से चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस नेता और वर्तमान में विधायक रामनिवास रावत अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी कुछ पूर्व विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी के दावे के अनुसार विधानसभा चुनाव के बाद से अब तक 4 लाख कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.