2 फरवरी से पूरे मध्य प्रदेश में साइबर तहसील लागू करने के राज्य सरकार ने निर्देश जारी किए हैं। 2 फरवरी से प्रदेश के सभी जिलों में साइबर तहसील खुलेगी।
2 फरवरी से पूरे मध्य प्रदेश में साइबर तहसील लागू करने के राज्य सरकार ने निर्देश जारी किए हैं। 2 फरवरी से प्रदेश के सभी जिलों में साइबर तहसील खुलेगी। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पहली कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया था। इस संबंध में राजस्व विभाग ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं। जारी आदेश में 2 फरवरी से प्रदेश के समस्त जिलो में साइबर तहसील लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मौके पर पूरे प्रदेश में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शामिल होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश के अनुसार हर तहसील में कार्यक्रम का प्रसारण होगा।
15 दिन में नामांतरण स्वत: हो जाएगा
बता दें कि साइबर तहसील को लेकर उज्जैन में बड़ा कार्यक्रम होगा। इस व्यवस्था के बाद प्रदेश के किसी भी जिले में एग्रीकल्चर भूमि की बगैर बंटान वाली रजिस्ट्री होते ही 15 दिन में नामांतरण स्वत: हो जाएगा। साइबर तहसील में पंजीयन से नामांतरण तक की प्रक्रिया लागू है। साइबर तहसील को चार अलग-अलग प्लेटफार्म जैसे संपदा पोर्टल, भूलेख पोर्टल, स्मार्ट एप्लीकेशन फार रेवेन्यू एप्लीकेशन पोर्टल और रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम पोर्ट से जोड़ दिया है।
इन जिलों में पहले हो रही संचालित
साइबर तहसील परियोजना अभी प्रदेश के 12 जिलों में संचालित हो रही है। इन जिलों में दतिया, सीहोर, इंदौर, सागर, डिंडौरी, हरदा, ग्वालियर, आगर मालवा, श्योपुर, बैतूल, विदिशा और उमरिया जिला शामिल हैं। साइबर तहसील की व्यवस्था के लिए राजस्व विभाग द्वारा मप्र भू राजस्व संहिता, 1959 में संशोधन कर धारा 13-क में साइबर तहसील स्थापना के प्रावधान किए गए हैं।