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Farmers Protest: दिल्ली में किसान आंदोलन 2.0 की तैयारी, इन राज्यों से चलेगा 'चलो दिल्ली' मार्च, प्रशासन ने बॉर्डर पर बढ़ाई मुस्तैदी

By: payal trivedi | Created At: 12 February 2024 05:25 AM


किसान आंदोलन 2.0 के लिए किसानों ने फिर कमर कस ली है। किसान पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान समेत कई राज्यों से दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं।

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New Delhi: किसान आंदोलन 2.0 के लिए किसानों (Farmers Protest) ने फिर कमर कस ली है। किसान पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान समेत कई राज्यों से दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं। आंदोलन को 'चलो दिल्ली' मार्च नाम दिया गया है। हालांकि, इस आंदोलन में संयुक्त किसान मोर्चा शामिल नहीं है। यह कुछ किसान संगठनों का प्रदर्शन है। लेकिन फिर भी किसानों की तैयारियों को देखते हुए पुलिस-प्रशासन कोई भी रिस्क लेने के मूड में नहीं है।

इन राज्यों की बॉर्डर पर बढ़ाई गई मुस्तैदी

दिल्ली से सटे हरियाणा, पंजाब और यूपी के बॉर्डर पर मुस्तैदी बढ़ा दी गई है। बॉर्डर को कटीले तार, सीमेंट के बैरिकेड से कवर किया जा रहा है। किसान मार्च को देखते हुए उत्तर पूर्वी दिल्ली में धारा 144 लागू की गई है। प्रदर्शनकारियों को बॉर्डर पर ही रोके जाने की तैयारी है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड और मध्य प्रदेश से भी किसान दिल्ली पहुंच सकते हैं। इस बीच किसानों के आंदोलन को लेकर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा है कि उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों के मुद्दों का हल निकालने और मीटिंग करने के लिए कहा है।

सिंधू बॉर्डर पर लगाए कटीले तार

किसानों के दिल्ली घेराव को रोकने के लिए हरियाणा (Farmers Protest) और पंजाब से लगने वाले सिंधू बॉर्डर पर कटीले तार लगा दिए है, सड़कों पर सीमेंट के बेरिकेड है। दिल्ली में गाजीपुर टिकरी और सिंधु बॉर्डर पर भी दिल्ली पुलिस इतिहास के तौर पर तैयारी कर रही है, ताकि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका जा सके। गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस की गाड़ियां और बैरिकेड खड़े कर दिए गए हैं। सीसीटीवी और लाउडस्पीकर भी लगाए जा रहे हैं। पुलिस-प्रशासन को डर है कि कहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश के दूसरे संगठन भी इसमें शामिल न हो जाएं। अगर ऐसा होता है तो संभव है कि दिल्ली-मेरठ राजमार्ग भी बाधित हो सकता है।

दिल्ली के इन इलाकों में धारा 144

किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली की कई सीमाओं पर यातायात प्रभावित रहेगा, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के साथ ही शाहदरा जिला के फर्म बाजार, गांधी नगर, विवेक विहार, सीमापुरी जैसे इलाकों में धारा 144 लागू होगी। अमृतसर व्यास में किसानों का बड़ा जत्था दिल्ली कूच करने के लिए तैयार है, बड़ी संख्या में किसानों के ट्रैक्टर कतार में खड़े हैं।

वाटर कैनन में बस वाहन तैनात

दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर यातायात बाधित होने की स्थिति में चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले यात्रियों की डेराबस्सी, बरवाला/रामगढ़, साहा, शाहबाद, कुरुक्षेत्र के रास्ते अथवा पंचकूला, एनएच-344 यमुनानगर इंद्री/पिपली, करनाल होते हुए दिल्ली जाने की सलाह दी गई है। इसी प्रकार, दिल्ली से चंडीगढ़ जाने वाले यात्री करनाल, इंद्री/पिपली, यमुनानगर, पंचकूला होते हुए अथवा कुरुक्षेत्र, शाहबाद, साहा, बरवाला, रामगढ़ होते हुए अपने गन्तव्य पर पहुंच सकते हैं। वाटर कैनन और बस वाहनों को तैनात किया गया है। वाहनों की आवाजाही में बाधा डालने के लिए घग्गर नदी के उल की खुदाई की गई है। हरियाणा सरकार ने 11 से 13 फरवरी तक अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा समेत सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और बल्क एसएमएस निलंबित कर दिए हैं।

ये संगठन करेंगे प्रदर्शन

13 फरवरी को होने वाले किसान आंदोलन में किसान मजदूर मोर्चा, सरवन सिंह पंढेर की किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह, भारतीय किसान यूनियन जनरल सिंह और भारतीय किसान यूनियन एकता आजाद दिलबाग सिंह और गुरमननित सिंह की प्रोग्रेसिव फार्मर फ्रंट इस आंदोलन में शामिल होगी।

क्या हैं इन संगठनों की मांगे

इन संगठनों का मुद्दा वही है, जो संयुक्त किसान मोर्चा उठा रहा था, इसमें सबसे बड़ी मांग फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी बाला कानून है। इसके अलावा बिजली की दरों में रियायत और कर्ज माफी का भी मुद्दा है। ऑल इंडिया किसान सभा के उपाध्यक्ष आनंद मोहल्ला ने मीडिया को बताया की संयुक्त किसान मोर्चा के कुछ स्प्लिंटर संगठन जो अलग हो गए थे, यह उनका आंदोलन है।

16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान

ऑल इंडिया किसान सभा ने भी किसानों के आंदोलन से फिलहाल दूरी बनाई हुई है, जबकि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी भारत बंद का आह्वान किया गया है, जिसमें तमाम किसान और मजदूर पूरे दिन हड़ताल और काम बंद करेंगे।

किसानों को मनाने में हो रही मशक्कत

प्रशासन किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना (Farmers Protest) चाहता, केंद्र सरकार की ओर से पीयूष गोयल समेत मंत्रियों का प्रतिनिधिमंडल किसानों से एक दौर की बातचीत कर चुका है। 12 फरवरी को चंडीगढ़ में इन किसान नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय का प्रतिनिधिमंडल फिर मुलाकात करेगा, चुनावी साल में सरकार किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती और इसीलिए हर संभव किसानों को मनाने की मशक्कत चल रही है।

पुलिस-प्रशासन को ये निर्देश

1. दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच सभी सीमाओं पर भीड़ इक्ट्ठा होने पर रोक।

2. प्रदर्शनकारियों को ले जा रहे ट्रेक्टर, ट्रॉली, बस, ट्रक जैसे भारी वाहनों पर रोक।

3. पूर्वी जिले की पुलिस को प्रदर्शनकारियों को रोकने के आदेश।

4. प्रदर्शनकारियों को तलवार, त्रिशूल, भाता, लाठी, सेंड जैसे हथियार रखने की अनुमति नहीं।

5. आदेश का उल्लंघन करने वाले प्रदर्शनकारी पर धारा 188 के कार्रवाई की जाए।

बैरिकेड्स हटाने की तैयारी में किसान

केंद्रीय खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी के हवाले से एजेंसी ने बताया कि किसान भी बेरिकेड्स हटाने के लिए तैयारी कर रहे है। ट्रैक्टरों में हाइड्रोलिक उपकरण लगाए गए हैं। आंसू गैस के गोले से लड़ने के लिए आग प्रतिरोधी हार्ड-शेल ट्रेलर तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने इन संशोधित वाहनों के साथ अभ्यास भी किया है।