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Rajasthan News: पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान- 'जब तक हिंदू राष्ट्र नहीं बनता, शांत नहीं बैठेंगे, अब हमारी ताकत डबल हो गई है'

By: payal trivedi | Created At: 08 February 2024 05:01 AM


जालोर के भीनमाल में नीलकंठ महादेव मंदिर की प्रथम वर्षगांठ पर बुधवार को बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बुधवार शाम 6 बजे भीनमाल पहुंचे और राम कथा महोत्सव में भाग लिया।

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Jalour: जालोर के भीनमाल में नीलकंठ महादेव मंदिर (Rajasthan News) की प्रथम वर्षगांठ पर बुधवार को बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बुधवार शाम 6 बजे भीनमाल पहुंचे और राम कथा महोत्सव में भाग लिया। इससे पूर्व उन्होंने नीलकंठ महादेव मंदिर के गर्भ ग्रह में आधे घंटे तक पूजा-अर्चना की। कथा के दौरान उन्होंने सामूहिक अर्जी लगाई।

भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कही बात

इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि 'हम जब तक शांत नहीं बैठेंगे तब तक भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बन जाता। अब तो हमारी ताकत डबल हो गई है, इसलिए अब तो भारत में हम क्रांति लाकर ही रहेंगे'। उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि ध्यान से ज्ञान की यात्रा करनी चाहिए और शव से शिव की यात्रा करनी चाहिए। भीनमाल नगरी भी कम नहीं है, यह महाकवि माघ की धरती है। इसी धरती पर 1400 वर्ष पूर्व नीलकंठ महादेव की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि भगवान सिर्फ भाव के भूखे हैं'।

आमजन को 'पागलों' नाम से किया संबोधित

उन्होंने कहा, लोग भी कम नहीं है। भगवान शिव को डेढ रुपए का दूध चढ़ाते हैं और ढाई लाख का पर्चा पकड़ाते हैं। डेढ़ रुपए का दूध भी मिलावटी होता है। उन्होंने कहा, हे पागलों (आमजन) इस कथा को सिर्फ सुनने से आपका कल्याण नहीं होगा बल्कि राम कथा को जीवन में उतरने की जरूरत है। कथा के दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

राम कथा में कुमार विश्वास ने कही ये बात

वहीं नीलकंठ महादेव मंदिर में आज से शुरू हुई राम कथा (Rajasthan News) में कुमार विश्वास ने कहा कि भीनमाल देवों की नगरी है। भीनमाल का जिक्र सभी के बचपन में जरूर होता है क्योंकि हमने किताबों में महाकवि माघ के बारे में जरूर पड़ा है। इसलिए भीनमाल ऐतिहासिक नगरी भी है। कुमार विश्वास ने कहा कि जीवन में अनुशासन जरूरी है। हम सभी को भगवान श्री राम के जीवन से अपने जीवन में अनुशासन उतारने की जरूरत है। राम का नाम ही बड़ा है जिसके जीवन में राम नहीं है उसका जीवन जीवन नहीं है। जिस समय समुद्र पर श्रीलंका के लिए सेतु बन रहा था उस समय भगवान श्री राम ने पत्थर पर श्री राम लिखा तो पत्थर भी तैर गए थे। इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।