H

Haryana की एक विधानसभा सीट रिक्त घोषित, विधायक के निधन के बाद नोटिफिकेशन जारी, भाजपा के 3 तो कांग्रेस के 2 दावेदार

By: payal trivedi | Created At: 01 June 2024 05:11 AM


हरियाणा के गुरुग्राम जिले के अंतर्गत आने वाली बादशाहपुर सीट से राकेश दौलताबाद के निधन के बाद इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है। बता दें कि 25 मई सुबह वोटिंग वाले दिन विधायक वोट डालकर अपने फार्म हाउस पर आराम करने गए थे।

bannerAds Img
चंडीगढ़: हरियाणा के गुरुग्राम जिले के अंतर्गत आने वाली बादशाहपुर सीट से राकेश दौलताबाद के निधन के बाद इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है। बता दें कि 25 मई सुबह वोटिंग वाले दिन विधायक वोट डालकर अपने फार्म हाउस पर आराम करने गए थे। वहां सुबह करीब 10 बजे उन्हें हार्ट अटैक आया। इसके बाद उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान राकेश की मौत हो गई थी। गुरुग्राम के पालम विहार मणिपाल अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली थी। विधानसभा की ओर से इस सीट को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब विधानसभा की तरफ से इसकी जानकारी चुनाव आयोग को भेजी जाएगी। चूंकि विधानसभा चुनाव के लिए 6 महीने से कम का समय है, इसलिए इस सीट पर चुनाव अन्य 89 सीटों के साथ ही कराए जाएंगे। विधानसभा सीट के लिए भाजपा कांग्रेस के दावेदार एक्टिव हो गए हैं। अभी इस सीट पर भाजपा से 3 और कांग्रेस से 2 दावेदार बताए जा रहे हैं।

दौलताबाद ने बतौर निर्दलीय विधायक रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर के नेतृत्व में बनी भाजपा की सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया था। इसके बाद जब जजपा से गठबंधन टूटा तब भी नायब सैनी के नेतृत्व में बनी सरकार का उन्होंने समर्थन दिया। लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार से 3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया। उन्होंने भूपेंद्र हुड्‌डा की मौजूदगी में रोहतक में कांग्रेस का समर्थन किया। इनमें धर्मबीर गोंदर, सोमवीर सांगवान और रणधीर गोलन शामिल थे। हालांकि, इन 3 के अलावा दौलताबाद के भी सरकार से समर्थन वापस लेने की खूब चर्चा हुई। मगर, उन्होंने इन 3 विधायकों का साथ नहीं दिया। उन्होंने बाद में एक वीडियो जारी कर भाजपा सरकार का ही समर्थन करने का ऐलान किया था। चलिए अब आपको बताते हैं कि बादशाहपुर विधानसभा सीट से भाजपा और कांग्रेस से टिकट के दावेदार कौन हैं?

बात अगर भाजपा की करें तो यहां टिकट के 3 दावेदार हैं। सबसे प्रबल दावेदार राव नरवीर सिंह हैं। इन्होंने 2014 में विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। खट्‌टर के पहले टर्म में इन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था। हालांकि, 2019 में इनकी टिकट पार्टी ने काट कर मनीष यादव को टिकट दी थी, लेकिन वह निर्दलीय लड़े राकेश दौलताबाद से चुनाव हार गए थे। इस सीट से दावेदार मुकेश शर्मा भी हैं, इन्होंने 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे, इस बार भी हलके में काफी एक्टिव हैं।

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से अभी 2 दावेदारों के ही नाम चल रहे हैं। पहला नाम यहां से भाजपा के दावेदार राव नरवीर सिंह के ही भाई राव कमल वीर का है। इन्होंने 2019 में भी चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। इनके अलावा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के करीबी ब्राह्मण चेहरा जितेंद्र भारद्वाज भी दावेदार हैं, हालांकि अन्य के मुकाबले यह ग्राउंड में एक्टिव नहीं हैं।