


मध्य प्रदेश का वन जंगली हाथियों को अब रास आ रहा है। करीब 100 साल बाद प्रदेश में हाथी स्थाई रूप से हैं। वन विभाग की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। विंध्य और बांधवगढ़ की जंगलों में जंगली हाथी स्थाई रहवास बढ़ा रहे है। इसके अलावा मंडला, डिंडोरी सहित महाकौशल के जंगलों में हाथियों की आवाजाही बढ़ गई है।
विस्तृत कार्य योजना तैयार हो रही
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश के बाद हाथियों के लिए एलिफेंट प्रोजेक्ट के नाम पर विस्तृत कार्य योजना तैयार हो रही है। बीते दिनों मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ इसे लेकर एक बैठक भी की थी। इसमें मध्य प्रदेश में जंगली हाथियों के मूवमेंट को देखते हुए सीएम ने 47.12 करोड़ रुपए की प्रबंधन योजना मंजूर की थी।
विंध्य के जंगलों में 140 से ज्यादा जंगली हाथी मौजूद
वहीं अब प्रदेश में स्थाई रूप से रह रहे हाथी के लिए भी योजना तैयार होगी। हाथियों के हमले से निपटने के लिए रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन होगा। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार विंध्य के जंगलों में 140 से ज्यादा जंगली हाथी मौजूद है। प्रदेश सरकार मध्य प्रदेश के जंगलों में हाथियों को स्थाई रूप से रहवास के लिए एलीफेंट फ्रेंडली एनवायरनमेंट विकसित करेगी।