प्रेमानंद महाराज ने बताया माता कैकेयी का वो सच, जो किसी को नहीं है मालूम
प्रेमानंद महारज ने अपने प्रवचन के दौरान माता कैकेयी के बारे में विस्तार से बताया. प्रेमानंद महाराज ने कहा कि माता कैकेयी को हमेशा गलत समझा जाता है, लेकिन उन्होंने जो कुछ भी किया वो प्रभु श्रीराम के उद्देश्य को पूरा करने हेतु किया. उन्होंने प्रवचन के दौरान माता कैकेयी एक ऐसा सच बताया, जो आज भी लोग नहीं जानते.
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Sanjay Purohit
Created AT: 10 नवंबर 2025
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प्रेमानंद महाराज वृंदावन के प्रसिद्ध संत और अध्यात्मिक गुरु हैं. प्रेमानंद महाराज को उनकी सादगी और भक्ति के लिए जाना जाता है. वो लोगों को ईश्वर और भक्ति का मार्ग दिखाते हैं. उनके आश्रम में आम लोगों के साथ-साथ कई मशहूर हस्तियां भी आती हैं, जो बैठकर उनके प्रवचन सुनती हैं. धार्मिक जगत में संत प्रेमानंद महाराज के कई वीडियो वायरल होते रहते हैं. प्रेमानंद महारज ने अपने प्रवचन के दौरान माता कैकेयी के बारे में विस्तार से बताया. प्रेमानंद महाराज ने कहा कि माता कैकेयी को हमेशा गलत समझा जाता है, लेकिन उन्होंने जो कुछ भी किया वो प्रभु श्रीराम के उद्देश्य को पूरा करने हेतु किया. उन्होंने प्रवचन के दौरान माता कैकेयी एक ऐसा सच बताया, जो आज भी लोग नहीं जानते.

माता कैकेयी ने भगवान की इच्छा पूरी की

प्रेमानंद महाराज ने बताया कि अयोध्या में माता कैकेयी जैसा प्रेमी कोई नहीं था. माता कैकेयी जितना प्यार भगवान राम को करती थीं, अवध में शायद ही करता हो. उन्होंने दशरथ जी का वियोग सहा. अपने पुत्र भरत का वियोग सहा. प्रभु श्रीराम का वियोग सहा. इतना नहीं वो अयोध्या वासियों की निंदा का पात्र बनीं. सब कुछ सह और सुनकर उन्होंने भगवान की इच्छा पूरी की. प्रेमानंद महाराज ने कहा कि इसलिए उनको कभी भी दोष नहीं देना चाहिए.

श्रीराम ने एकांत में माता कैकेयी से कही ये बात

प्रेमानंद महाराज ने बताया कि श्रीराम ने माता कैकेयी से एंकात में कहा कि मैंने पूरा अवध देखा, लेकिन मुझे आपसे ज्यादा प्यार कोई नहीं करता. श्रीराम ने माता कैकेयी से कहा कि मेरे लिए पति और पुत्र का वियोग व लोगों की निंदा सिर्फ आप सह सकती हैं. भगवान ने माता से कहा कि मैंने संतों के सुख के लिए अवतार लिया है. मुझे अभी अवध की राजगद्दी पर नहीं बैठना है. अभी आपको मुझे 14 सालों के लिए वन में भेजना होगा. प्रेमानंद महारज ने बताया कि माता कैकेयी ने एंकातिक भगवान की आज्ञा का पालन किया.


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