पहलगाम आतंकी हमले के बाद तुर्की ने किस तरह से भारत से दुश्मनी निभाई, यह दुनिया देख चुकी है। अब दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाकों का भी कनेक्शन भारत के लिए दूसरे पाकिस्तान के तौर पर उभरते इसी मुल्क से जुड़ रहा है। दरअसल, इस वारदात के मुख्य संदिग्ध डॉ मोहम्मद उमर उर्फ उमर उन नबी और फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़े एक और संदिग्ध डॉ मुजम्मिल शकील के पासपोर्ट से उनके तुर्की की यात्रा का संकेत मिल रहे हैं और यह भी पता चल रहा है कि उन्हें वहीं से भारत में आतंकी साजिशों को अंजाम देने का फरमान मिल रहा था।
मौलवी इरफान ने जोड़े तुर्की वाले तार?
अब सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तुर्की में बैठे एक हैंडलर ने फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े डॉक्टरों को यह निर्देश दिया था कि वे पूरे भारत में अपने-अपने लोकेशन टारगेट करके फैल जाएं। इन लोकेशन में दिल्ली से सटे हरियाणा का फरीदाबाद और पश्चिमी यूपी का सहारनपुर भी शामिल है। अपने नापाक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इन दोनों जगहों को इन्होंने तुर्की यात्रा के बाद ही टारगेट किया था।
डॉ उमर नबी के कट्टर बनने के पीछे तुर्की?
जांचकर्ताओं के मुताबिक दिल्ली धमाकों का संदिग्ध सुसाइड बॉम्बर डॉ उमर उन नबी फरीदाबाद मॉड्यूल का सबसे कट्टर सदस्य था। अबतक इस मॉड्यूल से जुड़े डॉ मुजम्मिल अहमद गनी, डॉ अदील मजीद राथर, डॉ सज्जाद मलिक और डॉ शाहीन सईद गिरफ्तार हो चुके हैं। भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की चीफ डॉ शाहीन ने अपनी पूछताछ में कबूल किया है कि वह फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में जब भी आपस में मिलते थे, तब दिल्ली धमाकों का आत्मघाती हमलावर डॉ उमर देश भर में कई आतंकी हमले कराने के बारे में बातें करता था।