


हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने शुक्रवार को बताया कि वह इस साल भारतीय वायुसेना (IAF) को 12 तेजस एलसीए Mk1A लड़ाकू विमान सौंपेगा। अमेरिकी टेक कंपनी GE से इंजन की डिलीवरी शुरू होने के बाद यह प्रक्रिया संभव हो पाई है। कंपनी ने अपनी अर्निंग कॉल में बताया कि पहला तेजस Mk1A लड़ाकू विमान आने वाले कुछ महीनों में तैयार कर लिया जाएगा। वहीं HAL को वित्त वर्ष 2025-26 में 8-10 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि की उम्मीद है।
4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट
तेजस Mk1A भारत में विकसित स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस का उन्नत संस्करण है, जिसे HAL ने डिजाइन किया है। यह एक 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसमें अत्याधुनिक युद्ध क्षमता, बेहतर सर्वाइवल और ऑपरेशनल एफिशिएंसी है।HAL के मुताबिक, अप्रैल 2025 तक उसका ऑर्डरबुक लगभग ₹1.89 लाख करोड़ का है, जो पिछले साल ₹94,000 करोड़ था। आने वाले ऑर्डर में 97 तेजस Mk1A फाइटर जेट्स, 143 एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर्स (ALH) भारतीय वायुसेना के लिए और 10 डॉर्नियर विमान भारतीय नौसेना के लिए शामिल हैं। इन तीनों ऑर्डर की कुल कीमत ₹1.25 लाख करोड़ है।
तेजस Mk1A के निर्माण के लिए HAL ने दो उत्पादन इकाइयां -एक बेंगलुरु और एक नासिक में तैयार की हैं। बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए HAL अपने एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर निर्माण क्षमताओं का विस्तार कर रहा है। विशेष रूप से नासिक की फैक्ट्री का विस्तार इस वृद्धि में प्रमुख भूमिका निभाएगा।
HAL ने अगले पांच वर्षों के लिए ₹14,000-15,000 करोड़ की पूंजीगत व्यय योजना बनाई है, ताकि समय पर वायुसेना और नौसेना को विमान व हेलिकॉप्टर डिलीवर किए जा सकें। यह औसतन हर साल ₹3,000 करोड़ का निवेश होगा। शुक्रवार को HAL के शेयरों में 5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता के बाद देशी रक्षा कंपनियों के लिए ऑर्डर में तेजी आने की संभावना है, जिससे रक्षा शेयरों में व्यापक तेजी देखी जा रही है। इसके अलावा, हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव को देखते हुए सरकार के द्वारा रक्षा बजट बढ़ाए जाने की भी संभावना जताई जा रही है।