


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले कई दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का क्रेडिट लेने की कोशिश करते रहे हैं। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों को लड़ाई की जगह बिजनेस की पेशकश की थी। हालांकि, भारत ने इन दावों का खंडन किया है, लेकिन इस बीच अमेरिकी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (WLF) की पाकिस्तान के साथ हुई डील ने सभी का ध्यान केंद्रित किया है। WLF एक क्रिप्टोकरेंसी फर्म है, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप के परिवार की 60 फीसदी हिस्सेदारी है। डील में ट्रंप के परिवार और पाकिस्तान आर्मी चीफ आसिम मुनीर की संलिप्तता ने अमेरिकी राष्ट्रपति की हालिया सक्रियता पर सवाल खड़ कर दिए हैं।
निजी स्वामित्व वाली अमेरिकी क्रप्टोकरेंसी फर्म और करीब एक महीने पुरानी पाकिस्तान की क्रिप्टो काउंसिल के बीच हुई इस डील में कुछ हाई-प्रोफाइल लोगों की गतिविधियों में तेजी देखी गई है। क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन से जुड़ी फाइनेंशियल टेक उद्यम WLF में राष्ट्रपति ट्रंप के बेटों एरिक और डोनाल्ड जूनियर के साथ-साथ उनके दामाद जेरेड कुशनर की बहुलांश जिम्मेदारी है। वे कुल मिलाकर सामूहिक रूप से कंपनी के 60 प्रतिशत के मालिक हैं।
पाकिस्तान आर्मी चीफ का अहम रोल
पहलगाम हमले के कुछ दिन पहले अप्रैल में अमेरिकी फर्म ने पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के साथ एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए। दिलचस्प बात ये है कि पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल को शुरू हुए अभी लगभग एक महीना ही हुआ था।WLF ने ट्रंप के गोल्फ दोस्त स्टीव के बेटे जैचरी विटकॉफ समेत अपने बड़े अधिकारियों को इस्लामाबाद भेजा। पाकिस्तान में उनका स्वागत प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और देश पर पर्दे के पीछे से शासन करने वाले सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने किया। इस डील में आसिम मुनीर का अहम रोल बताया जाता है।
WLF की पाकिस्तान के साथ साझेदारी ने अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत-पाकिस्तान तनाव में सक्रियता को लेकर सवाल खड़े किए हैं। हाल के दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति ने तनाव को कम करने को लेकर लगातार बयान दिया है, जबकि वे पहले दोनों देशों के विवाद को उनका आपसी मुद्दा बताते रहे थे।