चुनाव आयोग बिहार के बाद अब नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण की शुरुआत करने जा रहा है। यह प्रक्रिया मंगलवार (4 नवंबर) से शुरू होगी और 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी होने के साथ समाप्त होगी। इन सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लगभग 51 करोड़ मतदाता शामिल हैं।
बिहार के बाद दूसरा चरण
बिहार में SIR का पहला चरण पूरा हो चुका है, जहां अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई थी। उस सूची में करीब 7.42 करोड़ मतदाता शामिल किए गए थे। अब दूसरे चरण में जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में SIR की प्रक्रिया चलेगी, वे हैं — अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल।
2026 में इन राज्यों में होंगे विधानसभा चुनाव
इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। वहीं असम में भी 2026 में चुनाव होंगे, लेकिन वहां मतदाता सूची के पुनरीक्षण की घोषणा अलग से की जाएगी। इसका कारण है कि असम में नागरिकता सत्यापन की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही है और राज्य में नागरिकता कानून के विशेष प्रावधान लागू हैं।
चुनाव आयोग का बयान
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 27 अक्टूबर को SIR के नए चरण की घोषणा करते हुए कहा था,
“नागरिकता अधिनियम के तहत असम में नागरिकता से संबंधित अलग प्रावधान हैं। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नागरिकता जांच का कार्य पूरा होने वाला है। 24 जून का SIR आदेश पूरे देश के लिए था, लेकिन इन परिस्थितियों में यह असम पर लागू नहीं होता।”
SIR की समय-सारणी
प्रारंभ तिथि: 4 नवंबर 2025
समापन तिथि: 4 दिसंबर 2025
मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशन: 9 दिसंबर 2025
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन: 7 फरवरी 2026
SIR का उद्देश्य
SIR का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र मतदाता मतदाता सूची से छूट न जाए और अपात्र मतदाता के नाम सूची में न रहें। इससे पहले ऐसी व्यापक पुनरीक्षण प्रक्रिया 2002-04 के बीच की गई थी। आयोग का कहना है कि इस अभियान से अवैध विदेशी प्रवासियों की पहचान में भी मदद मिलेगी।
यह कदम विशेष रूप से बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।