


अमरनाथ यात्रा के 18वें दिन तक कुल 3.07 लाख तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन कर लिए हैं। अभी भी यात्रा के 20 दिन शेष हैं, और प्रशासन को उम्मीद है कि दर्शन करने वालों की संख्या और तेजी से बढ़ेगी। गौरतलब है कि यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई को हुई थी और यह 9 अगस्त तक चलेगी। जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से आज सोमवार को 3,791 तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ। यह जत्था दो काफिलों में भेजा गया। पहला काफिला सुबह 3:33 बजे 52 वाहनों में 1,208 यात्रियों को लेकर बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ, जबकि दूसरा काफिला सुबह 4:06 बजे 96 वाहनों में 2,583 यात्रियों को लेकर पहलगाम बेस कैंप के लिए निकला।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, ने रविवार को बालटाल शिविर का दौरा किया और यात्रा की तैयारियों और व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने यात्रियों के साथ लंगर में भोजन किया और उनकी सुरक्षा व सुविधा से जुड़ी बातों को सुना। उपराज्यपाल ने यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंधों पर संतोष व्यक्त किया।
इस वर्ष यात्रा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हो रही है, खासकर आतंकी पहलगाम हमले के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस के अलावा 180 अतिरिक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) कंपनियों की तैनाती की गई है। यात्रियों के मार्ग में आने वाले सभी ट्रांजिट कैंप्स और दोनों बेस कैंप्स को सुरक्षा बलों द्वारा पूरी तरह सुरक्षित किया गया है।
अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से होती है-एक बालटाल और दूसरा पहलगाम। बालटाल मार्ग छोटा और कठिन है, जहां से तीर्थयात्री 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके एक ही दिन में दर्शन कर लौट सकते हैं। दूसरी ओर, पहलगाम मार्ग अपेक्षाकृत लंबा है, जहां से यात्रियों को चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी होते हुए कुल 46 किलोमीटर की यात्रा करनी होती है, जिसमें करीब चार दिन लगते हैं। इस बार सुरक्षा कारणों से किसी भी मार्ग पर हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं कराई गई है।
अमरनाथ यात्रा हिंदू धर्म की सबसे पवित्र तीर्थयात्राओं में से एक मानी जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता और शाश्वत जीवन का रहस्य बताया था। यही कारण है कि हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए इस कठिन यात्रा पर निकलते हैं।